AIN NEWS 1: जाने-माने साधु और हिंदू समाज के प्रखर नेता योगी देवनाथ ने हाल ही में एक बयान देकर विपक्षी नेताओं पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जो लोग 60 साल तक सत्ता में रहते हुए कश्मीर में तिरंगा तक नहीं फहरा सके, राष्ट्रगान नहीं गा सके, वे आज संविधान बचाने की बात कर रहे हैं। योगी ने इसे “दोगलापन की पराकाष्ठा” करार दिया।
विपक्ष पर तंज
योगी देवनाथ ने विपक्षी दलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो लोग दशकों तक सत्ता में रहे, उन्होंने कभी देश के सम्मान और संविधान की मर्यादा की परवाह नहीं की। विशेष रूप से कश्मीर में, जहां अनुच्छेद 370 के तहत विशेष अधिकार प्राप्त थे, तिरंगा फहराना और राष्ट्रगान गाना उनके लिए प्राथमिकता में नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दल अब राजनीति के लिए संविधान की दुहाई दे रहे हैं।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद बदला कश्मीर
योगी ने केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि इस कदम के बाद कश्मीर में सकारात्मक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की सरकार ने देश की अखंडता को सुनिश्चित किया और कश्मीर को मुख्यधारा में शामिल किया। अब वहां तिरंगा सम्मान के साथ फहराया जाता है और राष्ट्रगान भी गूंजता है।
जनता को सावधान रहने की अपील
योगी देवनाथ ने जनता से आग्रह किया कि वे ऐसे नेताओं के दावों से सतर्क रहें जो सत्ता में रहते हुए देश की एकता और अखंडता के प्रति उदासीन रहे। उन्होंने कहा कि इन नेताओं का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ उठाना है।
“संविधान बचाने” का नारा
आजकल विपक्षी दल बार-बार “संविधान बचाने” का नारा दे रहे हैं। योगी ने इसे एक प्रपंच बताते हुए कहा कि जब उनके पास सत्ता थी, तब उन्होंने संविधान की परवाह नहीं की। उन्होंने इस नारे को एक ढोंग करार दिया और जनता से अपील की कि वे इनकी असलियत पहचानें।
निष्कर्ष
योगी देवनाथ का बयान सीधे विपक्षी दलों को कटघरे में खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि देश की जनता अब समझ चुकी है कि कौन सच्चे मायनों में राष्ट्रहित में काम कर रहा है और कौन सिर्फ राजनीति के लिए देशहित की बात कर रहा है।