AIN NEWS 1: श्रीलंका की राजनीति में एक ऐतिहासिक पल आया है, जब हरिनी अमरसूर्या ने देश के 16वें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया। 54 वर्षीय हरिनी अमरसूर्या का यह सफर न केवल उनके देश के लिए बल्कि भारत और श्रीलंका के रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
हरिनी का जन्म और पालन-पोषण श्रीलंका में हुआ था, लेकिन उनकी शिक्षा की शुरुआत भारत से हुई थी। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी। वर्ष 1990 में, हरिनी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज में दाखिला लिया। यहाँ से उन्होंने समाजशास्त्र में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की और 1991 से 1994 तक उन्होंने समाजशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की।
दिल्ली विश्वविद्यालय में उनके साथ कुछ अन्य प्रसिद्ध नाम भी पढ़ाई कर रहे थे, जिनमें चर्चित फिल्म निर्माता इम्तियाज अली और जानेमाने पत्रकार अर्नब गोस्वामी शामिल थे। उनके साथियों के बीच यह एक दिलचस्प बात थी, क्योंकि ये सभी बाद में अपने-अपने क्षेत्रों में जाने-माने व्यक्तित्व बने।
हरिनी की शिक्षा और उनके जीवन की यह कहानी एक प्रेरणा बन सकती है, क्योंकि उन्होंने एक ऐसे समय में शिक्षा हासिल की, जब भारतीय और श्रीलंकाई रिश्ते चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे थे। हिंदू कॉलेज में बिताए गए उनके वर्षों ने उन्हें न केवल अकादमिक रूप से समृद्ध किया, बल्कि भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों की भी गहरी समझ दी।
अब, जब वह श्रीलंका की प्रधानमंत्री बनी हैं, उनके लिए यह एक नई चुनौती और अवसर है। उनके नेतृत्व में, श्रीलंका को उम्मीद है कि देश आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से बाहर निकल सकेगा। हरिनी का यह सफर यह दिखाता है कि शिक्षा, कड़ी मेहनत और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो।
उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी सपना साकार हो सकता है। हरिनी अमरसूर्या का नाम न केवल श्रीलंका में, बल्कि पूरी दुनिया में एक मिसाल बनकर उभरा है।