अमेरिका में न्याय विभाग और सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन ने अडानी समूह के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया
AIN NEWS 1: अमेरिका के न्याय विभाग (DOJ) और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी ग्रीन एनर्जी के बोर्ड के सदस्यों, जिनमें गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीता जैन शामिल हैं, पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट में कथित घूसखोरी के मामले में कानूनी कार्रवाई की है। यह मामला न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दर्ज किया गया है।
क्या हैं आरोप?
अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि अडानी समूह ने सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के अनुबंध हासिल करने के लिए कथित रूप से अवैध तरीकों का सहारा लिया। इस घूसखोरी के तहत सरकारी अधिकारियों और एजेंसियों को प्रभावित करने का प्रयास किया गया।
अडानी ग्रीन एनर्जी का बयान
इस मामले पर अडानी ग्रीन एनर्जी ने बयान जारी करते हुए कहा,
“अमेरिका के न्याय विभाग और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने क्रमशः हमारे बोर्ड सदस्यों गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ आपराधिक अभियोग और दीवानी शिकायत दर्ज की है। इसके अलावा, हमारे बोर्ड सदस्य विनीता जैन को भी इस आपराधिक अभियोग में शामिल किया गया है।”
कंपनी ने आगे कहा कि इन घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए उसकी सहायक कंपनियों ने फिलहाल अमेरिकी डॉलर में प्रस्तावित बॉन्ड जारी करने की योजना को टाल दिया है।
बॉन्ड इश्यू को टाला गया
कंपनी ने यह भी बताया कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए, समूह ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रस्तावित बांड जारी करने की योजना को फिलहाल रोक दिया है। कंपनी ने कहा है कि वह आगे की कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करेगी और इस मामले में उचित सफाई पेश करेगी।
अडानी समूह की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस मामले में अडानी समूह की ओर से विस्तृत प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला कंपनी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा और वित्तीय योजनाओं पर असर डाल सकता है।
अंतरराष्ट्रीय निवेशकों पर प्रभाव
यह मामला ऐसे समय में आया है जब अडानी समूह अपनी विस्तार योजनाओं के तहत वैश्विक बाजार में निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। इस विवाद का कंपनी की क्रेडिट रेटिंग और निवेशकों के भरोसे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
क्या होगा आगे?
अब देखना होगा कि अडानी समूह इन आरोपों का सामना किस तरह करता है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समूह के लिए कानूनी और वित्तीय चुनौतियां पेश कर सकता है।
निष्कर्ष
यह घूसखोरी का मामला अडानी समूह के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हो सकता है। कंपनी को न केवल कानूनी लड़ाई का सामना करना होगा, बल्कि निवेशकों के विश्वास को बनाए रखने के लिए भी अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।