AIN NEWS 1 संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका के बाद मस्जिद के धार्मिक स्वरूप पर सवाल उठाए गए हैं। याचिका में दावा किया गया है कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर है। इस मामले में 19 नवंबर को स्थानीय पुलिस और मस्जिद प्रबंधन समिति की उपस्थिति में एक सर्वेक्षण भी किया गया।
क्या है पूरा मामला?
वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने संभल की सिविल अदालत में याचिका दायर कर मस्जिद के इतिहास की जांच की मांग की थी। उन्होंने दावा किया कि मस्जिद पहले एक मंदिर थी जिसे बाद में मस्जिद में बदल दिया गया। अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को एक सर्वेक्षण टीम ने मस्जिद का दौरा किया।
सुरक्षा के सख्त इंतजाम
सर्वे के बाद विवाद बढ़ने की आशंका को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने मस्जिद के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी है। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके। पुलिस का कहना है कि इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है।
मस्जिद प्रबंधन का रुख
मस्जिद प्रबंधन समिति ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज किया है। उनका कहना है कि मस्जिद का इतिहास स्पष्ट है और इसे मंदिर कहना ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करना है। प्रबंधन समिति ने कहा कि वे अदालत के आदेश का पालन कर रहे हैं लेकिन मस्जिद को लेकर बेबुनियाद विवाद खड़ा किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों में नाराज़गी
इस मामले ने स्थानीय लोगों के बीच हलचल मचा दी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल है, लेकिन प्रशासन स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए सतर्क है। कुछ लोगों का कहना है कि धार्मिक स्थलों को लेकर इस तरह के विवाद सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अगली सुनवाई की प्रतीक्षा
मामले की अगली सुनवाई का सभी को इंतजार है। अदालत का फैसला इस विवाद को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
निष्कर्ष
शाही जामा मस्जिद को लेकर चल रहे इस विवाद ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों से जुड़े मामलों को चर्चा के केंद्र में ला दिया है। प्रशासन और स्थानीय लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की जा रही है।