AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद में ढाई घंटे तक चले सर्वे के दौरान भारी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को हालात संभालने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए सर्वे टीम को पुलिस सुरक्षा के साथ दूसरे रास्ते से बाहर निकाला गया।
कोर्ट के आदेश पर हुआ सर्वे
19 नवंबर को संभल के चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की कोर्ट ने जामा मस्जिद का एडवोकेट कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। मुगलकालीन जामा मस्जिद को लेकर यह दावा किया गया है कि इसे एक प्राचीन हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। इसी दावे की जांच के लिए वरिष्ठ वकील विष्णु शंकर जैन की अगुवाई में टीम दूसरी बार मस्जिद पहुंची।
ढाई घंटे तक चला सर्वे, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सोमवार सुबह साढ़े सात बजे सर्वे टीम मस्जिद पहुंची। टीम ने ढाई घंटे तक मस्जिद के अंदर सर्वे किया। इस दौरान पूरे सर्वे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई।
मस्जिद के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। इसके बावजूद, स्थानीय लोग उग्र हो गए और पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस को मजबूरन आंसू गैस के गोले दागने पड़े। वकील विष्णु शंकर जैन समेत सर्वे टीम को सुरक्षित निकालने के लिए पुलिस ने दूसरा रास्ता अपनाया।
पत्थरबाजी और तनाव के बाद उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुरादाबाद रेंज के डीआईजी मुनिराज और बरेली जोन के एडीजी रमित शर्मा को मौके पर भेजा गया। इसके साथ ही पीएसी की तीन कंपनियों को तैनात कर दिया गया।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। पथराव करने वाले उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
29 नवंबर को पेश होगी रिपोर्ट
एडवोकेट कमिश्नर 29 नवंबर को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे। इस रिपोर्ट में बताया जाएगा कि सर्वे के दौरान मस्जिद के भीतर क्या-क्या तथ्य सामने आए।
सर्वे से पहले भी हो चुका है विवाद
इससे पहले भी जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर विवाद हुआ था। स्थानीय लोगों ने पुलिस और सर्वे टीम का विरोध किया था। मस्जिद में सर्वे के दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने हेलमेट पहनकर अपनी सुरक्षा की।
संभल में जामा मस्जिद का यह मामला स्थानीय स्तर पर संवेदनशील बन चुका है, और प्रशासन इसे लेकर पूरी सतर्कता बरत रहा है।