मॉस्को: ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच जारी तनाव अब और गहरा हो गया है। इस मुद्दे पर रूस ने भी चीन का समर्थन करते हुए अमेरिका पर तीखा हमला किया है। रूस का कहना है कि अमेरिका ताइवान को भड़काकर एशिया में तनाव पैदा कर रहा है। माना जा रहा है कि यूक्रेन युद्ध के दौरान चीन द्वारा रूस को दिए गए समर्थन के बदले रूस अब ताइवान मामले में चीन के साथ खड़ा है।
रूस ने क्या कहा?
रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने अमेरिकी नीति पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा,
“अमेरिका, ‘एक चीन’ नीति का उल्लंघन करते हुए, ताइवान को उकसा रहा है। वह सैन्य सहायता और हथियारों की आपूर्ति के जरिए ताइपे के साथ अपने सैन्य-राजनीतिक संबंध मजबूत कर रहा है।”
रुडेंको ने आगे कहा कि अमेरिका एशिया में तनाव और संकट को बढ़ावा देने के लिए ताइवान का इस्तेमाल कर रहा है। रूस ने साफ कर दिया है कि वह ताइवान के मुद्दे पर चीन का पूर्ण समर्थन करता है।
अमेरिका पर रूस का आरोप
रुडेंको ने अमेरिका पर एशिया में अपने स्वार्थी हित साधने के लिए जानबूझकर चीन को उकसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अमेरिका, एशिया में “यथास्थिति” बनाए रखने के नाम पर ताइवान को हथियार मुहैया कर रहा है और क्षेत्र में गंभीर संकट खड़ा कर रहा है।
चीन और ताइवान का विवाद
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखता है। हालांकि, अमेरिका ताइवान की औपचारिक मान्यता नहीं देता, लेकिन वह उसका सबसे बड़ा सैन्य और राजनीतिक समर्थक है। सितंबर 2024 में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ताइवान के लिए 567 मिलियन डॉलर के सैन्य सहायता पैकेज को मंजूरी दी थी।
चीन-रूस की साझेदारी
रूस और चीन की यह साझेदारी यूक्रेन युद्ध के दौरान और मजबूत हुई। चीन ने रूस की सैन्य और आर्थिक मदद की, और अब रूस ताइवान मामले में चीन का साथ दे रहा है। रूस ने अमेरिका की नीतियों को क्षेत्र में संकट बढ़ाने वाली करार दिया।
निष्कर्ष
रूस और चीन के इस गठबंधन से ताइवान का मुद्दा और गंभीर हो सकता है। अमेरिका की सक्रियता और सैन्य समर्थन ने एशिया में शक्ति संतुलन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ताइवान को लेकर अमेरिका, चीन और रूस के बीच बढ़ती खींचतान ने पूरे क्षेत्र में संकट की आशंका बढ़ा दी है।