AIN NEWS 1 नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। विपक्षी सांसद, जो कि वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संसद की संयुक्त समिति के सदस्य हैं, ने इस मुलाकात में विधेयक के विभिन्न प्रावधानों पर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं।
विधेयक के मुख्य बिंदु और विपक्ष की चिंताएं
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 में वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने का प्रस्ताव है। विधेयक के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने इस विधेयक में कुछ प्रावधानों को लेकर आपत्ति जताई है। उनका मानना है कि इससे वक्फ बोर्डों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगेगा और इसमें सरकार का हस्तक्षेप बढ़ेगा।
विपक्षी सांसदों का कहना है कि विधेयक में कुछ प्रावधान ऐसे हैं जो धार्मिक संस्थाओं के अधिकारों में हस्तक्षेप कर सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें यह भी चिंता है कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सरकारी नियंत्रण बढ़ने से वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है। विपक्षी नेताओं ने इस संदर्भ में लोकसभा अध्यक्ष से अपनी चिंताएं साझा कीं और उनसे आश्वासन मांगा कि इस विधेयक पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात का उद्देश्य
विपक्षी सांसदों की यह मुलाकात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से एक महत्वपूर्ण कदम थी। सांसदों ने उम्मीद जताई कि बिरला इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे और विधेयक को लेकर विपक्ष की आवाज़ को संसद में सही तरीके से उठाया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों को आश्वस्त किया कि सरकार और विपक्ष के बीच संवाद और विचार-विमर्श का अवसर प्रदान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक पर गहन चर्चा की जाएगी ताकि सभी पक्षों की राय को ध्यान में रखा जा सके।
विपक्ष की एकजुटता
विपक्षी दलों ने यह स्पष्ट किया कि वे वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ एकजुट हैं और इसे लेकर अपनी आपत्तियों को पूरी ताकत से उठाएंगे। उनका मानना है कि यह विधेयक समुदायों के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप कर सकता है और उनके खिलाफ प्रस्तावित प्रावधानों का विरोध किया जाएगा।
इस मुलाकात के बाद, विपक्षी सांसदों ने संसद में इस मुद्दे को उठाने का संकल्प लिया है और वे अगले चरण की रणनीति पर विचार करेंगे।
निष्कर्ष
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर विपक्षी सांसदों द्वारा लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद यह साफ हो गया है कि विपक्ष इस विधेयक पर सरकार से कई सवाल उठाएगा। संसद में इस पर विस्तृत चर्चा और विचार-विमर्श की उम्मीद है, ताकि सभी पक्षों की चिंताओं का समाधान किया जा सके और विधेयक को लेकर संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जा सके।