AIN NEWS 1 संभल (उत्तर प्रदेश): संभल में एक मस्जिद के बाहर कथित पुलिस ज्यादती और धार्मिक नारेबाजी का वीडियो सामने आने के बाद DK फाउंडेशन ऑफ फ्रीडम एंड जस्टिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। फाउंडेशन के जिला समन्वयक रिजवान ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी संस्था मानवाधिकार आयोग और प्राधिकरण आयोग के साथ मिलकर काम करती है।
क्या है मामला?
रिजवान ने बताया कि यह घटना तब हुई जब सर्वे टीम मस्जिद में प्रवेश कर रही थी। इस दौरान कुछ लोगों ने “जय श्री राम” के नारे लगाए। वीडियो में कथित तौर पर पुलिस की ज्यादती भी दिखाई दे रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह सब हो रहा था, तब प्रशासन कहां था?
आरोप: सिर्फ मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा
रिजवान ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में केवल मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है और उनकी आवाज दबाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव करार दिया और कहा कि यह घटना संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज
DK फाउंडेशन ने इस मामले को मानवाधिकार आयोग के समक्ष उठाया है। रिजवान ने कहा, “हमारी शिकायत दर्ज कर ली गई है और हम आयोग के फैसले का सम्मान करेंगे।” फाउंडेशन ने प्रशासन से भी जवाब मांगा है कि इस तरह की घटना को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
समाज में बढ़ते तनाव पर चिंता
रिजवान ने इस घटना को समाज में बढ़ते धार्मिक तनाव का उदाहरण बताया और कहा कि इसे रोकने के लिए प्रशासन को तुरंत कदम उठाने चाहिए। उन्होंने सभी समुदायों से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील की।
निष्कर्ष:
DK फाउंडेशन ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस मामले को लेकर न्याय की उम्मीद रखता है और हरसंभव प्रयास करेगा कि दोषियों पर कार्रवाई हो। अब मानवाधिकार आयोग इस मामले पर क्या निर्णय लेता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।