AIN NEWS 1: उदयपुर के सिटी पैलेस में सोमवार को एक विवादित घटना घटी, जब मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह और अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच तनातनी बढ़ गई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे विश्वराज का तिलक समारोह हुआ, जिसके बाद सिटी पैलेस में धूणी माता के दर्शन को लेकर हिंसक झड़पें हुईं। पथराव और अफवाहों के बीच कई लोग घायल हो गए और पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन और तिलक समारोह
10 नवंबर को पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन हो गया था। इसके बाद, 15वें दिन, उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का उत्तराधिकारी के रूप में तिलक समारोह चित्तौड़गढ़ के फतह प्रकाश महल में हुआ। इस तिलक समारोह में रियासत काल से जुड़े कई पूर्व राजपरिवार के सदस्य और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए।
सिटी पैलेस में विवाद और हिंसा
तिलक समारोह के बाद, विश्वराज सिंह और उनके समर्थक धूणी माता के दर्शन के लिए सिटी पैलेस पहुंचे। इस दौरान, सिटी पैलेस के गेट बंद कर दिए गए थे और पुलिस तैनात थी। समर्थक मंदिर में प्रवेश की मांग पर अड़े थे, जिसके बाद समर्थकों ने बेरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया। इस पर अरविंद सिंह मेवाड़ और उनके बेटे लक्ष्यराज ने विरोध किया और प्रवेश की अनुमति नहीं दी। विवाद बढ़ने के साथ ही स्थिति बेकाबू हो गई, जिससे पुलिस को भीड़ पर हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
पथराव और अफवाह
रात 10:45 बजे के आसपास, कुछ आक्रोशित लोगों ने सिटी पैलेस के गेट की दीवार से अंदर प्रवेश करने का प्रयास किया, तो अंदर से पथराव किया गया और कांच की बोतलें फेंकी गईं। इस घटना में कई लोग घायल हो गए। इसके बाद अफवाह फैल गई कि सिटी पैलेस के भीतर से फायरिंग की गई है, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
प्रशासन की कार्रवाई
स्थिति को देखते हुए रात करीब 11:30 बजे, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने सिटी पैलेस में स्थित विवादित संपत्ति को सीज कर दिया और रिसीवर नियुक्त कर दिया। पुलिस और प्रशासन ने मध्यस्थता की कोशिश की, लेकिन विवाद समाप्त नहीं हो सका। विश्वराज सिंह देर रात 1:25 बजे अपने निवास समोरबाग लौट गए और अगले दिन फिर से सिटी पैलेस लौटने का निर्णय लिया।
एकलिंगजी मंदिर जाने का कार्यक्रम भी प्रभावित
विश्वराज सिंह का एकलिंगजी मंदिर जाने का कार्यक्रम था, जहां उन्हें शोक भंग करने के लिए फूलों की परंपरा निभानी थी, लेकिन सिटी पैलेस के विवाद के कारण यह कार्यक्रम भी अटक गया। इसके अलावा, सिटी पैलेस और एकलिंगजी मंदिर पर कानूनी अधिकार का दावा करने वाले महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन और एकलिंगजी ट्रस्ट ने दोनों स्थानों पर अनधिकृत प्रवेश पर रोक लगाने के लिए सूचनाएं जारी की थीं।
परिवार के भीतर विवाद
विश्वराज सिंह के तिलक के बाद अरविंद सिंह मेवाड़ और उनके बेटे लक्ष्यराज मेवाड़ ने इसे लेकर विरोध जताया। अरविंद सिंह मेवाड़, जो महेंद्र सिंह के छोटे भाई हैं, ने दावा किया कि पूर्व महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ की वसीयत के अनुसार वे सिटी पैलेस और एकलिंगजी मंदिर के कानूनी हकदार हैं, न कि विश्वराज सिंह। इस तरह, परिवार के भीतर का विवाद और भी बढ़ गया।
ऐतिहासिक रक्त तिलक परंपरा
इस पूरे घटनाक्रम के बीच एक ऐतिहासिक रक्त तिलक की परंपरा भी निभाई गई। चित्तौड़गढ़ के फतह प्रकाश महल में सलूंबर परिवार के देवव्रत सिंह ने विश्वराज सिंह मेवाड़ को रक्त तिलक किया। यह परंपरा महाराणा प्रताप के समय से चली आ रही है। कहा जाता है कि जब महाराणा प्रताप का राजतिलक हुआ था, तो कुंकुम नहीं मिल पाया था, जिसके बाद सलूंबर परिवार के मुखिया ने अपनी रक्त से तिलक किया था, और तब से यह परंपरा बन गई।
सोशल मीडिया और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
पूर्व राजपरिवार के बीच हुए इस विवाद ने पूरे मेवाड़ क्षेत्र के साथ-साथ देशभर में चर्चा का विषय बना दिया। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ लोगों ने विश्वराज सिंह के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की, जबकि कुछ ने इसे लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से गलत बताया। पूरे दिन शहर में इस मुद्दे पर बहस होती रही और ओल्ड सिटी की अधिकांश दुकानें दोपहर में ही बंद हो गईं। हालांकि, रात तक स्थिति सामान्य नहीं हो पाई और पूरे मामले ने देशभर में सुर्खियां बटोरीं।
निष्कर्ष
यह घटनाक्रम न केवल मेवाड़ के राजपरिवार के भीतर के विवाद को उजागर करता है, बल्कि इसने सिटी पैलेस और एकलिंगजी मंदिर जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थानों के कानूनी अधिकारों को लेकर भी सवाल उठाए हैं। प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है, लेकिन इस विवाद का हल फिलहाल नहीं निकला है, और यह चर्चा का विषय बना हुआ है।