AIN NEWS 1 नई दिल्ली: दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने सख्ती दिखाई है। उन्होंने हाल ही में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की, जिसके बाद पुलिस विभाग में हलचल तेज हो गई है। बैठक के बाद दिल्ली के सभी 227 पुलिस थानों का ऑडिट करने के निर्देश दिए गए हैं। 5 दिसंबर तक ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होगी, जिसके बाद महकमे में बड़े बदलाव होने की संभावना है।
ऑडिट का उद्देश्य और प्रक्रिया
दिल्ली पुलिस के 227 थानों का व्यापक ऑडिट स्पेशल सीपी से लेकर एडिशनल डीसीपी स्तर के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
इस ऑडिट के तहत थानों की कार्यप्रणाली और व्यवस्थाओं का गहराई से निरीक्षण होगा। इसके लिए हर अधिकारी को एक बुकलेट दी गई है, जिसमें ऑडिट के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
1. अवधि का लेखा-जोखा:
1 जनवरी 2023 से 15 नवंबर 2024 के बीच दर्ज किए गए सभी केसों की जांच।
केस फाइलिंग, चार्जशीट और शिकायतों के निस्तारण की समयबद्धता की जांच।
2. प्रदर्शन का मूल्यांकन:
शिकायतकर्ता के प्रति थाने के रवैये की समीक्षा।
आदतन अपराधियों और घोषित अपराधियों पर कार्रवाई।
स्ट्रीट क्राइम रोकने के लिए उठाए गए कदम, जैसे पिकेटिंग, नाइट पेट्रोलिंग और रोको-टोको अभियान।
3. इंफ्रास्ट्रक्चर और रिकॉर्ड्स:
थाने की इमारत का रखरखाव।
रिकॉर्ड्स की स्थिति और अद्यतन जानकारी।
थानों की जिम्मेदारी और अधिकारियों की भूमिका
दिल्ली में 15 जिलों को 70 सब-डिविजन में बांटा गया है। प्रत्येक सब-डिविजन में दो से तीन थाने आते हैं।
थानों का बंटवारा:
अधिकारियों को उनके रैंक के अनुसार थानों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है।
ऑडिट के मुख्य अधिकारी:
स्पेशल सीपी से लेकर एडिशनल डीसीपी तक इस अभियान में शामिल होंगे।
सभी रिपोर्ट सीधे दिल्ली पुलिस मुख्यालय को सौंपी जाएगी।
थानों के वर्गीकरण
दिल्ली के 227 पुलिस स्टेशन अलग-अलग जिम्मेदारियों के तहत कार्यरत हैं:
179 लॉ एंड ऑर्डर थाने।
15 साइबर पुलिस स्टेशन।
17 मेट्रो पुलिस स्टेशन।
7 रेलवे पुलिस स्टेशन।
2 एयरपोर्ट थाने।
1-1 क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल, विजिलेंस, आर्थिक अपराध और ई-पुलिस स्टेशन।
महकमे में बदलाव की अटकलें
पुलिस विभाग में चर्चा है कि जिन थानों की रिपोर्ट खराब होगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। यह निरीक्षण अभियान महकमे में निचले स्तर पर व्यापक फेरबदल का पहला कदम माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, 5 दिसंबर तक सभी रिपोर्ट मिलने के बाद करीब एक हफ्ते में उनका अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद दिसंबर के आखिरी हफ्ते में बड़े बदलाव हो सकते हैं। चूंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा संभवतः इसी समय होगी, इसलिए आचार संहिता लागू होने से पहले इन बदलावों को अमल में लाया जा सकता है।
गृह मंत्री की सख्ती के मायने
गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे तुरंत सुधारने के आदेश दिए हैं। इस कदम से साफ है कि आने वाले दिनों में दिल्ली पुलिस में बड़े स्तर पर ओवरहॉलिंग देखने को मिलेगी।
निष्कर्ष
थानों का ऑडिट न केवल पुलिस की कार्यशैली में पारदर्शिता लाने का प्रयास है, बल्कि यह दिल्लीवासियों की सुरक्षा और विश्वास को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है।