AIN NEWS 1 बेंगलुरु (25 नवंबर):विश्व वोक्कालिगा महासमस्तन मठ के महंत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामीजी ने एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत में एक ऐसा कानून लाया जाना चाहिए, जिससे मुस्लिम समुदाय को वोट देने का अधिकार न मिले। स्वामीजी का यह बयान कर्नाटक में किसानों और वक्फ संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच आया है। उन्होंने कहा कि किसानों की ज़मीनों को बचाने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए और वक्फ बोर्ड जैसी संस्थाओं के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए।
स्वामीजी ने क्या कहा?
स्वामी कुमार चंद्रशेखरनाथ ने बेंगलुरु में भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित विरोध सभा में कहा, “किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ सभी को आवाज उठानी चाहिए। वक्फ बोर्ड किसी भी ज़मीन पर दावा कर सकता है, और यह बहुत बड़ा अन्याय है।” उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय को दूसरे की ज़मीन छीनने का अधिकार नहीं है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कर्नाटक के कुछ हिस्सों में वक्फ संपत्ति को लेकर विवाद हो रहा है, जहां किसानों का आरोप है कि उनकी ज़मीनें वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित की जा रही हैं।
वोटिंग अधिकार पर विवादास्पद मांग
स्वामीजी ने अपने बयान में यह भी कहा कि “एक ऐसा कानून लाया जाना चाहिए, जिसमें मुस्लिम समुदाय को वोट देने का अधिकार न हो।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में ऐसा कानून है, जहां अन्य समुदायों के लोग वोट नहीं कर सकते। स्वामीजी ने यह भी जोड़ा, “अगर हम यह सुनिश्चित करते हैं कि मुसलमानों को वोट देने का अधिकार नहीं है, तो वे सीमित रहेंगे और देश में शांति बनी रहेगी।” इस बयान ने कई सवाल उठाए हैं और समाज में विवाद पैदा कर दिया है।
किसानों के अधिकारों की रक्षा का आह्वान
स्वामीजी ने कहा, “किसान अन्नदाता हैं और उनकी ज़मीन उनकी पहचान है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी हालत में उनकी ज़मीन और संपत्ति न छीनी जाए।” उन्होंने यह भी कहा कि नेता वोटों के लिए गलत काम करते हैं, और यही कारण है कि वक्फ बोर्ड जैसी संस्थाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
वक्फ संपत्ति विवाद
कर्नाटक में किसानों और अन्य वर्गों का आरोप है कि उनकी ज़मीनें वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित की जा रही हैं। इस पर भारतीय किसान संघ और विपक्षी दल भाजपा ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि यह किसानों के साथ अन्याय है, और वक्फ बोर्ड को अपनी सीमा में रहकर काम करना चाहिए।
स्वामीजी के इस बयान पर राजनीतिक और धार्मिक समुदायों में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। उनकी मांग ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिसे लेकर आगामी दिनों में और बहस होने की संभावना है।