AIN NEWS 1 झांसी: बागेश्वर धाम के प्रमुख बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में झांसी में हिंदू एकता यात्रा के दौरान एक विवादित बयान दिया। उनका यह बयान हिंदू समाज में एकजुटता और राष्ट्र की रक्षा के लिए आह्वान था, लेकिन इस बयान ने कई गंभीर मुद्दों को भी उठाया। इस दौरान उन्होंने विशेष धर्म के लोगों पर तीखा हमला करते हुए उन्हें धर्म विरोधी करार दिया और देश के लिए खतरा बताया। उनके बयान ने एक बार फिर समाज में तनाव और चर्चा का माहौल बना दिया है।
हिंदू एकता की आवश्यकता
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यात्रा के दौरान हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की और कहा कि हिंदू समाज को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में कुछ लोग धर्म विरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं और वे समाज के लिए खतरे का कारण बन चुके हैं। उनका मानना है कि इन लोगों से बचकर रहना और मिलकर धर्म के रास्ते पर चलना ही सबसे जरूरी है।
उन्होंने आगे कहा, “हमारी कोशिश यही होगी कि जो लोग धर्म विरोधी हैं, उन्हें धर्म के रास्ते पर लाया जाए। अगर हिंदू समाज एकजुट होकर राष्ट्र की रक्षा के लिए आगे आता है, तो हम देश को बचा सकते हैं।”
कट्टर हिंदू बनने का आह्वान
बाबा बागेश्वर ने अपने संबोधन में हिंदुओं से एक करोड़ कट्टर हिंदू बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू समाज में एक करोड़ कट्टर हिंदू तैयार हो जाते हैं, तो सनातन धर्म को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता और कोई भी उसकी ओर अंगुली नहीं उठा सकेगा। उनका यह बयान एक प्रकार से हिंदू धर्म के प्रति प्रतिबद्धता और एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए था।
उन्होंने आगे चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं होता तो हिंदू समाज अपनी बहन-बेटियों को लव जिहाद जैसी समस्याओं से नहीं बचा सकेगा। उन्होंने इसे एक गंभीर खतरे के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि लव जिहाद और लैंड जिहाद से बचने के लिए हिंदुओं को जागरूक होना पड़ेगा।
जाति प्रथा के खिलाफ बयान
अपने संबोधन में बाबा बागेश्वर ने हिंदू समाज में जाति प्रथा को खत्म करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि देश में एकजुट हिंदू समाज के निर्माण के लिए जातिवाद की समाप्ति जरूरी है। उनका मानना था कि यदि हिंदू समाज में जातिवाद खत्म हो जाता है, तो सनातन धर्म को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता और समाज में एकता का माहौल बनेगा।
हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना
बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने बयान में हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना भी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को तब तक मंजिल नहीं मिलेगी जब तक कि नारी को नारायणी नहीं माना जाएगा और मंदिरों को तोड़कर बनाई गई मस्जिदों को फिर से उनकी पुरानी स्थिति में नहीं लाया जाएगा। उनका कहना था कि जब तक हिंदू समाज रामायण और गीता का पाठ नहीं करेगा और राम पर अंगुली उठाने वाले को सजा नहीं दी जाएगी, तब तक हिंदू समाज को अपनी मंजिल नहीं मिल सकती।
‘जो होना है जल्दी हो जाए’ का बयान
बाबा बागेश्वर ने अपने बयान में हिंदू समाज को जल्दी से एकजुट होने की अपील की और कहा कि हम आर-पार के मूड में निकले हैं। उनका यह भी कहना था कि हिंदू समाज अगर जाग गया तो बहुत अच्छा है, लेकिन यदि न जागे तो और अच्छा है क्योंकि फिर भारत जल्द ही एक इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा। उन्होंने कहा, “जो होना है, जल्दी हो जाए। गजवा-ए-हिंद या भगवा-ए-हिंद, कोई निर्णय तो हो।”
विवादास्पद बयान
बाबा बागेश्वर का यह बयान खासा विवादित हो गया है क्योंकि उन्होंने इस दौरान एक धर्म विशेष को सीधे तौर पर निशाने पर लिया और इसे राष्ट्र के लिए खतरा बताया। इस बयान से एक ओर जहां उनके समर्थकों में जोश की लहर है, वहीं दूसरी ओर उनके विरोधी इसे समाज में नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने वाला मानते हैं।
उनके बयान के बाद सामाजिक और राजनीतिक हलकों में गहरी चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोग इसे हिंदू समाज की जागरूकता के लिए जरूरी मानते हैं, जबकि अन्य इसे समाज में द्वेष और हिंसा को बढ़ावा देने वाला मानते हैं।
निष्कर्ष
बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान ने एक बार फिर से समाज में धार्मिक और जातीय विभाजन के मुद्दों को हवा दी है। उनका यह आह्वान हिंदू समाज को एकजुट करने और राष्ट्र की रक्षा के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से था, लेकिन इसे लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इस बयान के पीछे क्या उद्देश्य था और इसका समाज पर क्या असर पड़ेगा, यह समय ही बताएगा।
बाबा बागेश्वर ने जिस प्रकार के बयान दिए हैं, वह देश के भविष्य और धार्मिक सौहार्द के लिए गंभीर सवाल उठा रहे हैं।