नमस्कार,
कल की बड़ी खबर महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी रही, कार्यवाहक CM एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें BJP का मुख्यमंत्री मंजूर है। एक खबर अजमेर से रही, दावा किया गया है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह में शिव मंदिर है।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण समारोह
- हेमंत सोरेन आज झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
- समारोह में राहुल गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी समेत 10 विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे।
- यह कार्यक्रम राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह विपक्ष की एकजुटता को प्रदर्शित करेगा।
- संसद का शीतकालीन सत्र (तीसरा दिन)
- आज संसद के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन है।
- प्रियंका गांधी, जो हाल ही में सांसद बनी हैं, आज लोकसभा में शपथ ले सकती हैं।
- संसद में विभिन्न विधेयकों और विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
अब कल की बड़ी खबरें…
एकनाथ शिंदे बोले: पद की लालसा नहीं, मोदी-शाह का हर फैसला स्वीकार
महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। शिंदे ने कहा कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (BJP) जो भी निर्णय लेगी, उसे वह स्वीकार करेंगे।
मोदी-शाह के फैसले का सम्मान
शिंदे ने बताया, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को फोन कर कहा कि जो भी फैसला आप लेंगे, हमें स्वीकार होगा। BJP की बैठक में जो भी कैंडिडेट चुना जाएगा, वह हमें मान्य होगा। हम सरकार बनाने में कोई रुकावट नहीं डालेंगे।”
केंद्र में जाने के सवाल पर शिंदे ने कहा, “मैं महायुति सरकार के साथ हूं और राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने का काम करता रहूंगा।”
दिल्ली में अहम बैठक, फडणवीस के नाम पर हो सकती है मुहर
आज दिल्ली में अमित शाह के साथ महायुति के नेताओं की बैठक होने वाली है। इसमें एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार शामिल होंगे। इस बैठक में फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने पर फैसला हो सकता है।
महायुति की शानदार जीत
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति ने 288 सीटों में से 230 पर जीत दर्ज की। इसमें BJP ने 132, शिवसेना शिंदे गुट ने 57 और अजित पवार की NCP ने 41 सीटें जीतीं।
संसद में अडाणी मुद्दे पर हंगामा, राहुल बोले: ‘उन्हें जेल में होना चाहिए’
संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने अडाणी मामले को लेकर जोरदार हंगामा किया। लोकसभा और राज्यसभा में हुई तीखी नोकझोंक के चलते कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गौतम अडाणी पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाते हुए कहा, “उन्हें जेल में होना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार उन्हें बचा रही है।”
शीतकालीन सत्र: 16 बिल पेश होने का एजेंडा
शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान कुल 19 बैठकें होंगी और 16 नए बिल पेश किए जाने की योजना है।
- पिछले सत्र का रिकॉर्ड: 18वीं लोकसभा का पहला मानसून सत्र 22 जुलाई से 9 अगस्त तक चला था। इसमें 15 बैठकें हुईं, जो करीब 115 घंटे चलीं। हालांकि, 12 में से केवल 4 बिल ही पास हो पाए थे।
अडाणी मुद्दे पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने
अडाणी मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर उद्योगपतियों को बचाने का आरोप लगाया है। संसद का यह सत्र विवादों और हंगामे के बीच अहम विधेयकों के पारित होने की उम्मीदों के साथ शुरू हुआ है।
अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा, कोर्ट ने याचिका स्वीकार की; 3 पक्षकारों को नोटिस
अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका पर सिविल कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। यह याचिका हिंदू सेना ने दायर की थी, जिसमें दावा किया गया कि दरगाह के निर्माण में मंदिर के मलबे का उपयोग किया गया था। कोर्ट ने इस मामले में अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस जारी किया है। इस याचिका पर सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
याचिका का आधार: ऐतिहासिक संदर्भ
याचिकाकर्ताओं ने 1911 में रिटायर्ड जज हरबिलास सारदा द्वारा लिखित पुस्तक “अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव” का हवाला दिया है।
- पुस्तक में दावा किया गया है कि दरगाह के गर्भगृह और परिसर में एक प्राचीन जैन मंदिर था।
- साथ ही, दरगाह निर्माण में मंदिर के मलबे का इस्तेमाल होने की बात भी कही गई है।
दरगाह कमेटी का पक्ष
अजमेर दरगाह के उत्तराधिकारी नसरुद्दीन चिश्ती ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि दरगाह एक पवित्र स्थल है और मंदिर के मलबे के दावे का कोई आधार नहीं है।
अजमेर दरगाह: आस्था का प्रतीक
राजस्थान के अजमेर स्थित यह दरगाह भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की समाधि है, जो अपनी धर्मनिरपेक्ष और मानवता पर आधारित शिक्षाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां हर धर्म और जाति के लोग श्रद्धा के साथ आते हैं।
संभल हिंसा: 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी, सार्वजनिक नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से होगी
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। 24 नवंबर को हुई इस घटना में 4 लोगों की मौत हुई थी। पुलिस ने अब 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी किए हैं, जिनमें से अधिकतर के चेहरे ढंके हुए हैं। अब तक 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 4 महिलाएं भी शामिल हैं।
सरकार का सख्त रुख
उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा, “जो लोग सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनसे नुकसान की भरपाई कराई जाएगी।” सरकार ने हिंसा में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकेत दिया है।
हिंसा कैसे हुई?
- 24 नवंबर की सुबह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी।
- थोड़ी देर में करीब 2,000 लोग मस्जिद के बाहर इकट्ठा हो गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
- पथराव के बाद हिंसा फैल गई, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
प्रशासन के कदम
- इंटरनेट बैन: संभल में शुक्रवार शाम 4 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं।
- पेट्रोल बिक्री पर रोक: खुले में पेट्रोल बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- पुलिस लगातार हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर रही है।
स्थिति नियंत्रण में लेकिन सतर्कता जारी
इस घटना ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर बनाए हुए है। हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई से संदेश साफ है कि उपद्रव और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट: आरक्षण के लिए धर्म परिवर्तन संविधान के साथ धोखा, अपील खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने 26 नवंबर को एक अहम फैसले में कहा कि आरक्षण का लाभ लेने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन संविधान के सिद्धांतों के साथ धोखा है। यह फैसला एक महिला की याचिका पर सुनाया गया, जिसने पहले क्रिश्चियन धर्म अपना लिया था और बाद में शेड्यूल कास्ट सर्टिफिकेट के लिए खुद को हिंदू घोषित किया। सुप्रीम कोर्ट ने महिला की अपील खारिज कर दी।
कोर्ट का स्पष्ट संदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा, “धर्म परिवर्तन तभी करना चाहिए, जब व्यक्ति वास्तव में उस धर्म की आस्था, मूल्यों और विचारों से प्रेरित हो।”
न्यायालय का रुख
- जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा कि सिर्फ आरक्षण पाने के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है।
- अदालत ने स्पष्ट किया कि यह संविधान और आरक्षण की मंशा के साथ धोखा है।
मामले का महत्व
यह फैसला संविधान के आरक्षण प्रावधानों की पवित्रता और सामाजिक न्याय की भावना को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। कोर्ट का निर्णय दिखाता है कि आरक्षण का लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलना चाहिए, जिनका इसके लिए वास्तविक अधिकार बनता है।
उर्विल पटेल ने टी-20 में रचा इतिहास, 28 गेंदों में सेंचुरी; बने सबसे तेज भारतीय शतकवीर
गुजरात टीम के ओपनर और विकेटकीपर उर्विल पटेल ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में त्रिपुरा के खिलाफ महज 28 गेंदों में शतक लगाकर भारतीय टी-20 क्रिकेट में नया इतिहास रच दिया।
- इससे पहले यह रिकॉर्ड ऋषभ पंत के नाम था, जिन्होंने 2018 में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ 32 गेंदों में शतक जड़ा था।
- उर्विल ने इस ऐतिहासिक पारी में सिर्फ 35 गेंदों पर नाबाद 113 रन बनाए, जिसमें 12 छक्के और 7 चौके शामिल थे।
IPL में किस्मत नहीं चमकी
- IPL 2025 मेगा ऑक्शन: उर्विल अनसोल्ड रहे। 24 और 25 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दाह में हुए ऑक्शन में किसी टीम ने उनके लिए बोली नहीं लगाई।
- पिछले अनुभव: 2023 मिनी ऑक्शन में गुजरात टाइटंस ने उन्हें खरीदा था, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला।
उर्विल का रिकॉर्ड प्रदर्शन
यह पारी भारतीय टी-20 क्रिकेट में न केवल उनके कौशल का प्रमाण है, बल्कि भविष्य में राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए उनका दावा भी मजबूत करती है। उर्विल ने अपने आक्रामक खेल और निरंतर प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा है।
इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 60 दिन का सीजफायर, लेबनानी नागरिक लौटने लगे
इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 60 दिनों का सीजफायर लागू हो गया है। इस घोषणा के बाद उत्तरी लेबनान से विस्थापित लोग धीरे-धीरे दक्षिणी लेबनान लौटने लगे हैं। कई नागरिक हिजबुल्लाह के झंडे और इसके पूर्व चीफ हसन नसरल्लाह की तस्वीरें लेकर खुशी जाहिर कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि: हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला
- 23 सितंबर: इजराइल ने उत्तरी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला किया था।
- इस हमले के बाद स्थानीय नागरिक दक्षिणी लेबनान में शरण लेने पर मजबूर हो गए थे।
- सीजफायर से इन नागरिकों को अब अपने घर लौटने का अवसर मिला है।
बाइडेन का समर्थन और चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सीजफायर को सकारात्मक कदम बताते हुए कहा:
- “अगर हिजबुल्लाह या कोई और इस समझौते का उल्लंघन करता है और इजराइल के लिए खतरा पैदा करता है, तो इजराइल को आत्मरक्षा का अधिकार होगा।”
- उन्होंने इसे क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
सीजफायर का महत्व
- यह सीजफायर 60 दिनों के लिए लागू हुआ है, जिसका उद्देश्य तनाव कम करना और नागरिकों को राहत देना है।
- दोनों पक्षों के बीच शांति कितनी स्थिर रहती है, यह समझौते का पालन करने पर निर्भर करेगा।