AIN NEWS 1: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद सबसे बड़ा सवाल यह था कि महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री किस दल से होगा। इस विषय पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। कुछ लोग यह मान रहे थे कि मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना का अधिकार हो सकता है, तो वहीं भाजपा को भी अपनी भूमिका को लेकर चिंता थी। इस सबके बीच राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाया और सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।
एकनाथ शिंदे ने हाल ही में कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेतृत्व में होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा के शीर्ष नेता जो भी फैसला करेंगे, शिवसेना उसे पूरी तरह से समर्थन देगी। शिंदे का यह बयान महायुति गठबंधन के भीतर सीएम पद को लेकर चल रही चर्चाओं को समाप्त करने वाला था।
भाजपा के फैसले का समर्थन
एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा कि शिवसेना किसी भी उम्मीदवार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए भाजपा के फैसले के साथ खड़ी होगी। उनका यह बयान महायुति में संभावित नेतृत्व विवाद को सुलझाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुआ। शिंदे ने यह स्पष्ट किया कि शिवसेना के लिए पार्टी का फैसला सर्वोपरि होगा और गठबंधन के भीतर किसी भी प्रकार की असहमति का कोई स्थान नहीं है।
इससे पहले, महायुति के सहयोगी दलों के बीच यह कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच तनातनी हो सकती है। हालांकि, शिंदे ने इस प्रकार के किसी विवाद की संभावना को नकारते हुए भाजपा के फैसले पर अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया।
महायुति गठबंधन की स्थिति
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री को लेकर उठ रहे सवालों का हल ढूंढने की कोशिश की जा रही थी। भाजपा और शिवसेना के बीच इस मुद्दे पर विचार-विमर्श हो रहा था, लेकिन शिंदे का यह बयान गठबंधन के भीतर की स्थिति को स्पष्ट करता है।
शिवसेना के लिए यह कदम भाजपा के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत करने का संकेत है। शिंदे ने यह भी कहा कि महायुति में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है और सभी दल मिलकर राज्य की प्रगति के लिए काम करेंगे।
निष्कर्ष
एकनाथ शिंदे का यह बयान यह दर्शाता है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भाजपा का फैसला ही अंतिम होगा और शिवसेना इसका पूरी तरह से समर्थन करेगी। इससे गठबंधन में एकजुटता बनी रहेगी और राज्य के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। अब यह देखना होगा कि भाजपा अपने फैसले के बाद किस नेता को मुख्यमंत्री के तौर पर नामित करती है, लेकिन एकनाथ शिंदे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिवसेना हर स्थिति में भाजपा के साथ खड़ी रहेगी।