AIN NEWS 1: योगी सरकार ने कलेक्ट्रेट एटा में पिछले 30 साल से फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे 24 बाबुओं (क्लर्क) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है और उनके द्वारा सेवाकाल के दौरान ली गई तनख्वाह की वसूली के भी आदेश दिए गए हैं।
जांच का खुलासा
1993 और 1995 में एटा कलेक्ट्रेट में 30 सीजनल सहायक वासिल बाकी नवीसों को नियमित किया गया था। राज्य एसआईटी द्वारा जांच में सामने आया कि इनमें से 24 कर्मचारी लिपिक संवर्ग में नियमों का उल्लंघन करके नियुक्त हुए थे। इसके साथ ही इनके महत्वपूर्ण अभिलेख गायब पाए गए, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई।
किस पर हुई कार्रवाई?
बर्खास्त कर्मचारी
वर्तमान में एटा कलेक्ट्रेट में कार्यरत चार वरिष्ठ सहायक कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें शामिल हैं:
नरेंद्र सिंह यादव
महेश कुमार यादव
विनीत कुमार
हरिनंदन सिंह
इन सभी से उनके सेवाकाल में लिए गए वेतन और अन्य लाभों की वसूली की जाएगी।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर पेंशन रोकने के आदेश
सेवानिवृत्त हो चुके 14 कर्मचारियों की पेंशन रोकने और उनके द्वारा लिए गए सभी लाभों की रिकवरी के आदेश भी जारी किए गए हैं। इन कर्मचारियों के नाम हैं:
बच्चन लाल
सरदार सिंह
सर्वेश कुमार
अशरफ अजीज
अशोक कुमार
आराम सिंह
होती लाल
कैलाश नारायण
राजीव कुमार सक्सेना
वासुदेव
इंतजार हुसैन
परशुराम
दाऊद खां
महेंद्र पाल सिंह
अन्य संदिग्ध कर्मचारी
जांच में अभिलेख गायब करने के संदिग्ध तीन कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गई है:
1. रतनपाल सिंह: पेंशन रोकने के आदेश।
2. सत्येंद्र पाल सिंह (मृतक): पेंशनर्स पेंशन रोकने के आदेश।
3. राकेश कुमार शर्मा (मृतक): पेंशनर्स पेंशन रोकने के आदेश।
नियमितीकरण में बड़े स्तर पर अनियमितता
एसआईटी जांच में स्पष्ट हुआ कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति के दौरान नियमों का खुला उल्लंघन हुआ और अभिलेख भी गायब कर दिए गए। सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए यह संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार का सख्त रुख
योगी सरकार की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी जीत माना जा रहा है। यह घटना उन सभी के लिए चेतावनी है जो नियमों की अनदेखी कर सरकारी नौकरी में बने रहने की कोशिश करते हैं।