AIN NEWS 1: भारत सरकार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ती हिंसा और भड़काऊ घटनाओं पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
भारत की सख्त चेतावनी
साप्ताहिक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश की स्थिति पर भारत का रुख साफ किया। उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और उकसावे की घटनाओं को केवल मीडिया की अतिशयोक्ति कहकर खारिज नहीं किया जा सकता।”
भारत ने यह भी संकेत दिया कि ऐसी घटनाएं न केवल स्थानीय शांति के लिए खतरा हैं, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों को भी प्रभावित कर सकती हैं। जायसवाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इन घटनाओं पर निगाह रख रहा है।
बढ़ती हिंसा पर चिंता
हाल के महीनों में बांग्लादेश से अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर हिंदू और बौद्ध समुदायों, के खिलाफ हिंसा की खबरें आई हैं। मंदिरों, घरों और व्यवसायों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं पर भारतीय मीडिया और सामाजिक संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है।
जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार ने इस मुद्दे को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने उठाया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश जल्द ही ठोस कदम उठाएगा और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून लागू करेगा।
दोनों देशों के रिश्तों पर असर
भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध हैं। दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे का समर्थन किया है। लेकिन अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे इन रिश्तों पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं।
रणधीर जायसवाल ने यह भी बताया कि भारत शांति और सद्भाव के लिए बांग्लादेश का सहयोग करने को तैयार है, लेकिन यह बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
निष्कर्ष
भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा को लेकर चिंता जाहिर कर अपने पड़ोसी देश को स्पष्ट संदेश दिया है। बांग्लादेश सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह इन घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करे और अपने अल्पसंख्यक नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करे। इससे न केवल वहां की स्थिति सुधरेगी, बल्कि दोनों देशों के संबंधों में भी मजबूती आएगी।