AIN NEWS 1 पुणे, महाराष्ट्र: राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) और समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में एक बयान में देश में हुए चुनावों के परिणामों को लेकर जनता के बीच बढ़ते असंतोष और निराशा पर चिंता व्यक्त की। पवार ने कहा कि यह पहला अवसर है जब देश में चुनावों के बाद जनता इतनी बेचैन और निराश महसूस कर रही है।
संसद में विपक्ष के सवालों पर शरद पवार का बयान
पवार ने कहा, “हमारे सामने यह स्थिति आई है कि प्रतिदिन सुबह 11 बजे संसद में विपक्षी नेता सवाल उठाते हैं। वे अपनी बात रखते हैं, लेकिन उनकी मांगों को संसद में स्वीकार नहीं किया जाता है। यह स्थिति यह दर्शाती है कि हमारे संसदीय लोकतंत्र का ठीक से पालन नहीं हो रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह स्थिति इसी तरह बनी रहती है, तो यह देश के लिए सही नहीं है और इसके लिए हमें जनता के बीच जाकर उन्हें जागरूक करना होगा।
ईवीएम और मतगणना पर शरद पवार की राय
चुनावों के परिणामों पर शरद पवार ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर कुछ मतभेद की बात की, हालांकि उन्होंने इस विषय पर कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं किया। पवार ने कहा, “ईवीएम की वोटिंग में कुछ अंतर दिख रहा है, लेकिन इस बारे में मेरे पास फिलहाल कोई ठोस सबूत नहीं हैं।”
कई लोग इस बात की मांग कर रहे हैं कि चुनाव परिणामों की दोबारा गिनती की जाए। पवार ने कहा, “कुछ लोगों ने मतगणना की पुनरावृत्ति (recounting) के लिए आवेदन किया है। हम जो कुछ भी इस मामले में कर सकते हैं, वह करेंगे। लेकिन मैं इस पर ज्यादा उम्मीद नहीं करता।”
संसदीय लोकतंत्र में सुधार की आवश्यकता
शरद पवार ने स्पष्ट किया कि संसद में विपक्ष के सवालों का सही तरीके से जवाब नहीं दिया जा रहा, जिससे संसद के भीतर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह स्थिति लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए ठीक नहीं है, और इसके सुधार की आवश्यकता है।”
पवार ने आगामी दिनों में इस मुद्दे पर जनता के बीच जाने की आवश्यकता को महसूस करते हुए, लोगों को इस विषय पर जागरूक करने की बात की। उनका मानना है कि यदि इस तरह की परिस्थिति बनी रही तो यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।
शरद पवार का व्यक्तिगत दृष्टिकोण
शरद पवार ने इस मुद्दे पर अपनी व्यक्तिगत राय साझा करते हुए कहा, “वह चुनाव परिणामों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन फिलहाल उनके पास इस बारे में कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि ईवीएम में गड़बड़ी हुई है।” उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोग चुनावी पुनर्गणना की मांग कर रहे हैं, जिसे वह देख रहे हैं, लेकिन इस पर बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं जताई जा सकती है।
निष्कर्ष
शरद पवार का यह बयान राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। उन्होंने न केवल चुनावी परिणामों के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं, बल्कि संसद के भीतर लोकतंत्र की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार, लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए यह जरूरी है कि संसद में विपक्ष की आवाज को सुना जाए और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
आगे क्या होगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन पवार के इस बयान से यह साफ है कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर चिंताएं और असंतोष बढ़ रहे हैं।