AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले के लिए एक नया जिला घोषित किया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब यूपी में 75 नहीं, बल्कि 76 जिले होंगे। सरकार ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है।
महाकुंभ में नए जिले की परंपरा
महाकुंभ मेले के दौरान नए जिले की घोषणा करना एक परंपरा बन चुकी है। हर बार महाकुंभ के आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने और लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह कदम उठाया जाता है। नया जिला महाकुंभ के आयोजन से लेकर मेले के समाप्त होने तक अस्तित्व में रहता है।
13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा महाकुंभ
महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा। इस दौरान देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम नगरी प्रयागराज पहुंचेंगे। मेले के दौरान पूरे क्षेत्र को एक नए शहर के रूप में विकसित किया जाता है। इस प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप देने के लिए प्रयागराज की चार तहसीलों को मिलाकर अस्थायी रूप से नया जिला बनाया जाता है।
प्रशासनिक सुविधाओं को बेहतर बनाने की तैयारी
नए जिले की स्थापना का उद्देश्य है कि महाकुंभ के दौरान प्रशासनिक कामकाज प्रभावी ढंग से संचालित हो। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करना, उनकी सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात प्रबंधन को सुगम बनाना इस व्यवस्था का मुख्य मकसद है।
महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व
महाकुंभ भारतीय संस्कृति और आस्था का सबसे बड़ा पर्व है, जहां करोड़ों श्रद्धालु पवित्र गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाने आते हैं। ऐसे में मेले का आयोजन और व्यवस्थापन सरकार के लिए बड़ी चुनौती होती है।
इस नई व्यवस्था के तहत प्रयागराज मेला क्षेत्र को विशेष प्रशासनिक और सुविधाजनक रूप देने का प्रयास किया गया है। महाकुंभ का यह नया जिला यूपी सरकार की व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।