AIN NEWS 1 आगरा: आगरा पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश किया है। यह गैंग दक्षिण एशियाई देशों और यूएई को निशाना बनाकर लोगों को आईपीओ और पॉलिसी में निवेश का लालच देकर ठगता था। अब तक ये लोग 110 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे ठगी के अनोखे तरीकों का खुलासा हुआ है।
ठगी का अनोखा तरीका
गैंग का मुख्य काम लोगों को निवेश के नाम पर धोखा देना था। पीड़ितों को आईपीओ और पॉलिसी में मोटे मुनाफे का लालच दिया जाता था। गांवों के सीधे-साधे लोगों को टारगेट कर उनके डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल किया जाता था। इन डॉक्यूमेंट्स के जरिए सिम कार्ड खरीदे जाते थे और फर्जी बैंक अकाउंट खोले जाते थे।
ठगी के पैसे को फर्जी खातों में ट्रांसफर किया जाता था। पुलिस जांच में सामने आया कि गैंग अब तक 85 फर्जी बैंक खाते खोल चुका है। इन खातों के जरिए 239 ट्रांजेक्शन किए गए, जिनकी कुल राशि 110 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
कैसे पकड़े गए आरोपी
यह मामला 4 अक्टूबर 2024 को सामने आया, जब आगरा के निवासी विनय आहूजा ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि आईपीओ में निवेश के नाम पर उनसे 18 लाख रुपये ठगे गए। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। बैंक अकाउंट्स और ट्रांजेक्शन की गहराई से पड़ताल के बाद पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड और कई फर्जी बैंक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
पुलिस की चौंकाने वाली जांच
डीसीपी सूरज राय ने कहा, “साइबर थाने में दर्ज शिकायत की जांच के दौरान जिन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर हुए, उनकी पहचान की गई। जब इन खातों को साइबर पोर्टल पर चेक किया गया, तो 239 ठगी के मामलों का पता चला।”
उन्होंने बताया कि बैंक और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा, आरोपियों के यूएई आने-जाने की वजह से साइबर स्लेव बनाकर विदेश भेजे जाने की संभावना पर भी जांच चल रही है।
गिरफ्तार आरोपी और आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने उनके बैंक अकाउंट्स को सीज कर दिया है। अब तक 18 लाख रुपये पीड़ित को कोर्ट के जरिए वापस किए जा चुके हैं। पुलिस का दावा है कि गैंग के अन्य सदस्यों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
निष्कर्ष
यह मामला दिखाता है कि कैसे साइबर ठग तकनीक और लालच का इस्तेमाल कर बड़ी ठगी को अंजाम दे रहे हैं। लोगों को जागरूक रहकर ऐसे किसी भी अनजान ऑफर से बचने की जरूरत है।