Thursday, December 5, 2024

बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार से सीखे भारत, इस्लामिक जिहाद पर चर्चा के लिए विश्व धर्म संसद जरूरी: यति नरसिंहानंद गिरी?

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AIN NEWS 1 हरिद्वार। शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने हरिद्वार में सनातन धर्म के संतों से आग्रह किया है कि आगामी महाकुंभ में धर्म और मानवता की रक्षा के लिए गंभीर चिंतन किया जाए। उन्होंने कहा कि इस्लामिक जिहाद के खतरे को उजागर करने के लिए महाकुंभ को वैभव प्रदर्शन का स्थान बनाने के बजाय इसे सनातन धर्म और मानवता की रक्षा का मंच बनाया जाना चाहिए।

विश्व धर्म संसद का आह्वान

आनंद भैरव मंदिर में संतों के साथ आयोजित एक बैठक में यति नरसिंहानंद ने कहा कि इस्लाम का असली स्वरूप वहां दिखता है, जहां मुसलमान बहुसंख्यक होते हैं। बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार इसका सबसे ताजा उदाहरण है। उन्होंने कहा, “जब मुसलमान अल्पसंख्यक होते हैं, तो वे बहुसंख्यक समाज को दिग्भ्रमित करते हैं और अपनी संख्या बढ़ाकर धीरे-धीरे उस देश पर नियंत्रण करते हैं।”

यति नरसिंहानंद ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार इस बात का प्रमाण है कि इस्लामिक जिहाद का असली चेहरा क्या है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते इसे नहीं समझा गया, तो भारत भी इसी खतरे का सामना करेगा।

महाकुंभ में विचार मंथन की आवश्यकता

उन्होंने सभी संतों से अपील की कि महाकुंभ में धर्म और मानवता की रक्षा के लिए इस्लामिक जिहाद के विषय पर गंभीर विचार-विमर्श करें। उनका कहना था कि महाकुंभ जैसे आयोजन को केवल प्रदर्शन तक सीमित रखना सनातन धर्म के मूल उद्देश्य के खिलाफ है।

इस अवसर पर यति नरसिंहानंद के साथ विश्व धर्म संसद की मुख्य संयोजक डॉ. उदिता त्यागी और यति अभयानंद भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि विश्व धर्म संसद का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में फैल रहे इस्लामिक जिहाद के खतरे पर चर्चा करना है।

बांग्लादेश से सीख लेने की जरूरत

यति नरसिंहानंद ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार भारत के लिए चेतावनी है। उन्होंने कहा, “अगर हमने अब भी इस खतरे को नहीं समझा, तो भारत भी बांग्लादेश जैसे हालात का शिकार हो सकता है। इस्लामिक जिहाद का उद्देश्य पूरी दुनिया को इस्लामिक बनाना है। इसके लिए उन्हें पहले भारत पर कब्जा करना होगा।”

उन्होंने महाकुंभ में सभी संतों से इस मुद्दे पर गहन चर्चा और समाधान निकालने का आह्वान किया। उनका कहना था कि धर्म और मानवता की रक्षा के लिए संत समाज को एकजुट होकर प्रयास करना होगा।

निष्कर्ष

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर चिंता जाहिर की और इसे भारत के लिए चेतावनी बताया। उन्होंने संत समाज से आग्रह किया कि महाकुंभ को केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित न रखकर इसे मानवता और सनातन धर्म की रक्षा के लिए सार्थक मंच बनाएं। इसके साथ ही विश्व धर्म संसद जैसे आयोजनों के जरिए इस्लामिक जिहाद के खतरे को उजागर किया जाए।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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