Friday, January 10, 2025

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने महिलाओं की नर्सिंग पढ़ाई पर लगाई पाबंदी, राशिद खान ने जताई चिंता?

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AIN NEWS 1: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने महिलाओं की नर्सिंग की पढ़ाई पर पाबंदी लगा दी है, जिससे महिलाओं के लिए शिक्षा का आखिरी रास्ता भी बंद हो गया है। तालिबान ने यह कदम उस समय उठाया है जब अफगानिस्तान में पहले ही स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भारी कमी हो रही है। यह निर्णय देश में महिला अधिकारों और शिक्षा पर एक बड़ा असर डाल सकता है।

तालिबान का नर्सिंग शिक्षा पर प्रतिबंध

तालिबान सरकार ने महिलाओं को नर्सिंग की पढ़ाई से वंचित कर दिया है, जबकि पहले महिला नर्सों का एक बड़ा योगदान देश में स्वास्थ्य सेवाओं में था। यह पाबंदी न सिर्फ अफगान महिलाओं की शिक्षा के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। अफगानिस्तान पहले ही मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है, और इस फैसले से यह संकट और बढ़ सकता है।

राशिद खान की चिंता

अफगानिस्तान के मशहूर क्रिकेटर राशिद खान ने तालिबान के इस फैसले पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि तालिबान का यह कदम अफगानिस्तान के लिए बहुत नकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। राशिद ने कहा कि देश पहले ही चिकित्सा सेवाओं में भारी कमी से जूझ रहा है और अगर महिलाएं नर्सिंग की पढ़ाई नहीं कर पाती हैं, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी। राशिद खान का कहना था कि इस्लाम में महिलाओं की शिक्षा का महत्व है और यह निर्णय इस्लामिक सिद्धांतों के खिलाफ है।

महिलाओं की शिक्षा का भविष्य

तालिबान के इस फैसले के बाद अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा के भविष्य पर गहरा सवाल खड़ा हो गया है। पहले भी तालिबान सरकार ने महिलाओं के शिक्षा और नौकरी के अवसरों पर कई पाबंदियां लगाई थीं, लेकिन यह फैसला और भी गंभीर हो सकता है क्योंकि अब महिलाएं चिकित्सा क्षेत्र में भी अपनी भूमिका नहीं निभा पाएंगी।

देश में महिलाओं की शिक्षा पर लगातार कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे अफगान महिलाओं के लिए एक बेहतर भविष्य की उम्मीदें और भी धुंधली होती जा रही हैं।

अफगानिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर

अफगानिस्तान में पहले ही स्वास्थ्य सुविधाओं का संकट था और यह निर्णय स्थिति को और बदतर बना सकता है। कई अफगान महिला नर्सों ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा मेडिकल शिक्षा और सेवा में लगाया था, लेकिन अब उन्हें इस पेशे से दूर रखा जाएगा। इससे न केवल महिला अधिकारों का उल्लंघन होगा, बल्कि अफगानिस्तान की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी गहरा असर पड़ेगा।

निष्कर्ष

तालिबान का यह निर्णय अफगानिस्तान की महिलाओं और देश की भविष्यवाणी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। राशिद खान जैसे प्रमुख हस्तियों द्वारा चिंता जताए जाने के बावजूद, तालिबान की नीतियां इस मामले में किस दिशा में जाएंगी, यह देखने वाली बात होगी।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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