भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 5 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से PSLV-C59 रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया। यह वाणिज्यिक मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के तहत यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के PROBA-3 उपग्रह को उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित करने के लिए किया गया।
मिशन की मुख्य बातें
- मिशन का उद्देश्य:
PSLV-C59 रॉकेट ने ESA के PROBA-3 उपग्रह को अंतरिक्ष में सही कक्षा में स्थापित किया। PROBA-3 मिशन का उद्देश्य अत्याधुनिक अंतरिक्ष तकनीकों का परीक्षण करना है। - ISRO का बयान:
ISRO ने मिशन की सफलता की पुष्टि करते हुए कहा कि PSLV-C59/PROBA-3 ने अपने सभी प्रक्षेपण लक्ष्यों को सटीकता के साथ पूरा किया। ESA के उपग्रह सफलतापूर्वक उनकी निर्दिष्ट कक्षा में स्थापित हुए। - साझेदारी का प्रतीक:
ISRO ने इसे PSLV की विश्वसनीयता, NSIL और ISRO के सामूहिक प्रयास, और ESA की नवीन अंतरिक्ष तकनीकों का बेहतरीन उदाहरण बताया।
ISRO और ESA की साझेदारी
यह मिशन ISRO और ESA के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को और मजबूत करता है। PROBA-3 मिशन ESA के महत्वाकांक्षी उद्देश्यों और अंतरिक्ष विज्ञान में प्रगति की ओर एक बड़ा कदम है।
निष्कर्ष
ISRO का यह सफल प्रक्षेपण अंतरिक्ष तकनीक में भारत की ताकत और वैश्विक अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ उसके बढ़ते सहयोग को दर्शाता है।