AIN NEWS 1 वाराणसी: देश में चाहे कितनी भी आधुनिकता आ जाए, पर कुछ जगहों पर पुरानी मान्यताएं और रूढ़िवादी सोच आज भी कायम हैं। इसका ताजा उदाहरण वाराणसी में सामने आया, जहां एक दूल्हे ने शादी के दौरान दहेज में कार की मांग पूरी न होने पर शादी तोड़ दी। यह घटना मंडुआडीह थाना क्षेत्र के एक मैरिज हाउस की है, जहां शादी की सभी रस्में पूरी हो रही थीं।
शादी का आयोजन और विवाद की शुरुआत
वाराणसी के चितईपुर निवासी विशाल जायसवाल और गाजीपुर के भदौरा गांव निवासी अजय कुमार जायसवाल की बेटी के बीच चार दिसंबर को शादी तय थी। दुल्हन के पिता ने दहेज में 6.5 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे और 12 लाख रुपये नगद भी दूल्हे के परिवार को दिए थे। इसके अलावा, सोने की चेन और अंगूठी भी उपहार स्वरूप दी गई थी।
जयमाला के बाद शादी की रस्मों की तैयारी चल रही थी, और दुल्हन अपने परिवार के साथ विवाह स्थल पर उपस्थित थी। जयमाला के दौरान दूल्हे ने दुल्हन को प्यार से देखा, लेकिन शादी के बाद कुछ ऐसा हुआ कि किसी ने सोचा भी नहीं था।
दहेज में कार की मांग
दरअसल, विवाह के दौरान ही दूल्हे ने दुल्हन से कार की मांग शुरू कर दी थी। दुल्हन ने अपने पिता को बताया कि दूल्हा विशाल कार की मांग कर रहा है। इस पर दुल्हन के पिता ने साफ तौर पर कह दिया कि वह इस वक्त कार नहीं दे सकते। इसके बाद जयमाला की रस्म पूरी हुई, लेकिन जैसे ही आगे की रस्मों की तैयारी शुरू हुई, विशाल ने फिर से कार की मांग करनी शुरू कर दी।
शादी का टूटना
जब दुल्हन के पिता ने कार देने से इंकार कर दिया, तो दूल्हा विशाल ने शादी से ही मना कर दिया। वह स्टेज से उतरकर वहां से भाग गया। रिश्तेदारों ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन विशाल ने किसी की एक न सुनी और वह अपनी मांग पर अड़ा रहा। दुल्हन ने बताया कि जब वह जयमाला के मंच पर थी, तो दूल्हे ने मजाक करते हुए पूछा कि क्या उसने कार के लिए अपने पिता से बात की है। बाद में दुल्हन की बहन ने भी बताया कि बिना कार के शादी नहीं हो सकती।
पुलिस में शिकायत
शादी टूटने के बाद दुल्हन के पिता अजय जायसवाल ने मंडुआडीह थाने में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि विशाल और उसके परिवार ने उन्हें धोखा दिया है। दुल्हन के परिवार ने दहेज के रूप में जो पैसे और उपहार दिए थे, वह भी वापस नहीं किए जा रहे हैं। अजय ने यह भी बताया कि विशाल की मांग के बावजूद उन्होंने कार देने से इंकार किया था, और इसके बाद दूल्हा शादी करने से मुकर गया।
निष्कर्ष
यह घटना दहेज प्रथा के खिलाफ समाज में व्याप्त मानसिकता को उजागर करती है, जो शादी को केवल पैसे और भौतिक वस्तुओं से जोड़ देती है। विवाह जैसी महत्वपूर्ण रस्में अब भी कुछ जगहों पर दहेज की मांग के चलते अधूरी रह जाती हैं।