नई दिल्ली: अमेरिकी सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उस आरोप को खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्यवसायी गौतम अडानी के खिलाफ होने वाली खबरों के पीछे अमेरिकी विदेश विभाग का हाथ है। अमेरिका ने इसे “निराशाजनक” बताते हुए मीडिया की स्वतंत्रता के समर्थन में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
अमेरिका ने क्या कहा?
‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा:
“यह निराशाजनक है कि भारत की सत्तारूढ़ पार्टी इस तरह के आरोप लगा रही है। अमेरिका लंबे समय से मीडिया की स्वतंत्रता का समर्थक रहा है। एक स्वतंत्र प्रेस किसी भी लोकतंत्र का अहम हिस्सा है, जो सूचना और रचनात्मक बहस को बढ़ावा देता है और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाता है।”
बीजेपी के आरोप क्या हैं?
बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए आरोप लगाया था कि:
- फाइनेंशियल टाइम्स और ओसीसीआरपी (Organized Crime and Corruption Reporting Project) द्वारा प्रकाशित रिपोर्टें अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा प्रायोजित थीं।
- इन रिपोर्टों में पीएम मोदी और गौतम अडानी के बीच संबंधों को निशाना बनाया गया।
- केन्या और म्यांमार में अडानी समूह की परियोजनाओं को भी गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया।
बीजेपी ने यह भी कहा कि अमेरिकी वित्त पोषण का इस्तेमाल पेगासस जासूसी सॉफ़्टवेयर और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ रिपोर्टिंग के लिए भी किया गया।
अमेरिका का मीडिया स्वतंत्रता पर जोर
अमेरिकी प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि अमेरिका का इन रिपोर्टिंग संगठनों के संपादकीय निर्णयों पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका हर स्तर पर मीडिया की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करता है और यह किसी लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है।