नई दिल्ली: 28 दिसंबर को कांग्रेस अपना 140वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर पार्टी में बड़े संगठनात्मक बदलाव की तैयारी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, हरियाणा और महाराष्ट्र में हाल ही में हुई हार के बाद पार्टी नेतृत्व ने कई राज्यों की इकाइयों को भंग कर नए सिरे से पुनर्गठन करने की योजना बनाई है।
संभावित बदलाव क्या होंगे?
- राज्य इकाइयों का भंग होना:
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर, हरियाणा, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों की प्रदेश समितियां भंग की जा सकती हैं। इसके बाद इन राज्यों में नए अध्यक्ष, नई कार्यकारिणी और प्रभारियों की नियुक्ति होगी। - संगठन को मजबूत करने की योजना:
पार्टी की रणनीति है कि आगामी चुनावों से पहले संगठन को मजबूत किया जाए ताकि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रभावी नेतृत्व मिल सके। - नई नियुक्तियों पर फोकस:
पार्टी नेतृत्व संभावित रूप से उन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपेगा जो युवा, ऊर्जावान और जमीनी स्तर पर सक्रिय हों।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
- हरियाणा और महाराष्ट्र में लगातार मिल रही हार से पार्टी को बड़ा झटका लगा है।
- उत्तर प्रदेश में भी संगठनात्मक ढांचे के कमजोर होने से पार्टी को नुकसान हुआ है।
- आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनावों को देखते हुए संगठन में सुधार करना कांग्रेस की अहम प्राथमिकता है।
140वां स्थापना दिवस: गौरवशाली इतिहास की याद
- 1885 में स्थापना:
कांग्रेस की स्थापना एओ ह्यूम, दादाभाई नौरोजी और दिनशा वाचा जैसे नेताओं ने की थी। - स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका:
महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल जैसे दिग्गज नेताओं ने भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई। - वर्तमान चुनौतियां:
आजादी के बाद के दशकों में कांग्रेस ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं और अब वह नई चुनौतियों से निपटने के लिए संगठनात्मक बदलाव की तैयारी कर रही है।