AIN NEWS 1: केंद्रीय मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में लोकसभा में राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर किए गए बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दस्तावेज राहुल गांधी जी के लिए है, क्योंकि उन्होंने लोकसभा में वीर सावरकर के बारे में गलत बयान दिया था।
किरन रिजिजू का ट्वीट इस प्रकार था, “यह दस्तावेज राहुल गांधी जी के लिए है क्योंकि उन्होंने लोकसभा में वीर सावरकर के बारे में गलत बयान दिया था।” रिजिजू ने इस ट्वीट के जरिए गांधी के बयान को खारिज करते हुए सावरकर के योगदान को महत्वपूर्ण बताया।
सावरकर के प्रति अपमानजनक बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में कुछ दिन पहले टिप्पणी की थी। उनके बयान में सावरकर को लेकर कई आरोप लगाए गए थे, जिनमें यह भी शामिल था कि सावरकर ने माफी मांगकर अंग्रेजों से समझौता किया था। इस पर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक घमासान शुरू हो गया था। कई भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के बयान को सावरकर के सम्मान के खिलाफ बताया और कांग्रेस से स्पष्टीकरण की मांग की।
किरन रिजिजू ने अपने ट्वीट में वीर सावरकर के योगदान की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि सावरकर ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनका नाम हमेशा भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के बयान को तथ्यहीन और गलत बताया।
इसके बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी जवाबी बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने अपने बयान को सही ठहराने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि उनका उद्देश्य वीर सावरकर के खिलाफ नहीं था, बल्कि उन पर लगे आरोपों की जांच करना था। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि यह मुद्दा एक राजनीतिक विवाद नहीं, बल्कि ऐतिहासिक सत्य की तलाश का था।
राजनीतिक दृष्टिकोण से यह विवाद सावरकर की भूमिका और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनकी कथित भूमिका को लेकर गहरा सवाल उठाता है। भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। दोनों दलों के नेताओं के बयान भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ लाने की संभावना को जन्म दे रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अपनी प्रतिक्रिया से यह साबित करने की कोशिश की कि सावरकर का योगदान भारतीय इतिहास में किसी भी प्रकार से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनके ट्वीट ने कांग्रेस नेताओं को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश की।
सावरकर को लेकर यह विवाद भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने का कारण बन सकता है, जिसमें इतिहास और राजनीति के बीच की सीमाएं धुंधली होती जा रही हैं।