बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमलों के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस मुद्दे पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
शंकराचार्य की टिप्पणी
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा,
“बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार बेहद चिंताजनक हैं। ये हिंदू वहीं के मुस्लिमों के अत्याचार का शिकार हो रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बांग्लादेश पहले पाकिस्तान था, और उससे पहले भारत। ये हिंदू हमारे अपने हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए भारत सरकार से उम्मीद करना स्वाभाविक है।”
उन्होंने कहा कि,
“भले ही केंद्र में हिंदूवादी सरकार है, लेकिन मोदी सरकार बांग्लादेश को कड़ा जवाब देने में सक्षम नहीं दिख रही है। हमें इस स्थिति पर गंभीरता से विचार करना होगा।”
इंडिया गठबंधन पर प्रतिक्रिया
इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर पूछे गए सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि यह गठबंधन के दलों का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा,
“इस पर बाहर का कोई व्यक्ति टिप्पणी नहीं कर सकता। गठबंधन के दल खुद तय करेंगे कि उनका नेतृत्व कौन करेगा।”
मानवाधिकार रिपोर्ट के दावे
मानवाधिकार संगठन ‘सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लुरलिज्म एंड ह्यूमन राइट्स (CDPHR)’ की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2024 में बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- 150 से अधिक हिंदू परिवारों पर हमले।
- 20 से अधिक मंदिरों में तोड़फोड़ और लूटपाट।
- कई घरों और दुकानों में आगजनी की घटनाएं।
ताजा घटनाक्रम
उत्तरी बांग्लादेश के सुनामगंज जिले में हिंदू समुदाय के घरों, दुकानों और लोकनाथ मंदिर में तोड़फोड़ के आरोप में चार लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में 12 नामजद सहित 150-170 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
निष्कर्ष
बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। भारत सरकार को इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।