Sunday, December 22, 2024

भारत की अर्थव्यवस्था पर चीन का दबदबा: हर साल अरबों का व्यापार घाटा, आयात से खाली हो रही तिजोरी

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भारत और चीन के बीच व्यापारिक असंतुलन हर साल गहराता जा रहा है। 2024 के वित्त वर्ष में भारत-चीन का द्विपक्षीय व्यापार लगभग 118.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इसमें से भारत ने चीन से 46.6 अरब डॉलर का आयात किया, जबकि चीन को सिर्फ 5.7 अरब डॉलर का निर्यात किया गया, जो आयात का महज 8% है।


पिछले 5 वर्षों का व्यापार विश्लेषण

वर्षकुल व्यापार (अरब डॉलर)भारत का आयात (अरब डॉलर)भारत का निर्यात (अरब डॉलर)
2019826516
202086.565+21
202111594.521
202211398.514.5
202311810116.6

चीन बना भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार

2024 के शुरुआती महीनों में चीन ने फिर से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी बनकर अमेरिका को पीछे छोड़ दिया। अप्रैल-अगस्त 2024 के बीच:

  • भारत-अमेरिका व्यापार: 53 अरब डॉलर
  • भारत-चीन व्यापार: 52.43 अरब डॉलर

हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका अभी भी मामूली अंतर से आगे है।


आयात पर निर्भरता की चिंता

भारत चीन से मुख्यतः इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, मशीनरी, औद्योगिक उपकरण, फार्मास्युटिकल कच्चा माल, और केमिकल्स आयात करता है। यह व्यापारिक असंतुलन भारत की तिजोरी पर भारी दबाव डाल रहा है।


समस्या का समाधान

  1. मेक इन इंडिया को बढ़ावा: स्वदेशी उत्पादन बढ़ाकर आयात पर निर्भरता कम करना।
  2. विकल्पों की तलाश: अन्य देशों से व्यापारिक साझेदारी मजबूत करना।
  3. कड़े व्यापारिक नियम: चीनी आयात पर नियंत्रण और स्थानीय उद्योगों को संरक्षण देना।

भारत को विकास और आर्थिक संतुलन के लिए इस बढ़ते व्यापार घाटे का हल निकालना आवश्यक है।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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