AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में हिंसा की घटनाओं के बाद योगी सरकार की नजर इस जिले पर पूरी तरह से टिकी हुई है। यहां एक प्राचीन मंदिर की जमीन पर कथित तौर पर मुसलमानों द्वारा किए गए अतिक्रमण को लेकर प्रशासन सख्त रुख अपना रहा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि लोग खुद ही अपने घरों को तोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।
खुद से घर तोड़ने की मजबूरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय निवासी नाम न बताने की शर्त पर बताते हैं कि प्रशासन के ध्वस्तीकरण अभियान के डर से वे खुद ही अपने मकान तोड़ रहे हैं। एक निवासी ने कहा, “इससे कम से कम हम अपनी कुछ कीमती चीजें बचा सकते हैं। अगर प्रशासन इसे तोड़ता, तो हमारे पास कुछ भी नहीं बचता।”
मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण और बिजली चोरी का खुलासा
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने हाल ही में संभल के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में बिजली चोरी के मामले सामने आए। प्रशासन के मुताबिक, मंदिर की जमीन पर कई सालों से अवैध कब्जा किया गया था।
सांसद के घर पर कार्रवाई
मंगलवार को समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान के घर पर भी प्रशासन ने कार्रवाई की। उनके पुराने बिजली मीटर को हटाकर स्मार्ट मीटर लगाया गया। इसके साथ ही, सांसद को हाल ही में उनके घर पर कथित अवैध निर्माण के लिए नोटिस भी दिया गया था।
बुलडोजर कार्रवाई का असर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त नीति अपना रही है। दर्जनों घरों में बिजली चोरी और अवैध निर्माण का खुलासा होने के बाद प्रशासन ने बुलडोजर अभियान तेज कर दिया है। प्रशासन की कार्रवाई से इलाके में खौफ का माहौल है।
46 साल बाद मंदिर की जमीन का पता चला
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जमीन पर 46 साल बाद एक प्राचीन मंदिर का पता चला है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा और इस पर मंदिर के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
स्थिति पर सरकार की नजर
संभल में बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन हर कदम सोच-समझकर उठा रहा है। हिंसा के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है और स्थिति पर मुख्यमंत्री कार्यालय की सीधी नजर है।
सरकार का कहना है कि कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ इस कार्रवाई को सरकार की ‘कानून का राज’ स्थापित करने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है।