AIN NEWS 1 लखनऊ, उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अतुल प्रधान को उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना ने पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई उनके द्वारा विधानसभा सत्र में कथित रूप से ‘आपत्तिजनक भाषा’ के इस्तेमाल को लेकर की गई।
विधायक का बयान:
निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए अतुल प्रधान ने कहा, “लोकतंत्र में जिस तरह से सत्तारूढ़ दल विधानसभा सत्रों का संचालन करना चाहता है, वह सही नहीं है। सत्र के पहले दिन से ही सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है।”
प्रधान ने उप मुख्यमंत्री पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष (LoP) के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए। उन्होंने आगे कहा, “हम झांसी में हुए अग्निकांड जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे, जिसमें 20 बच्चों की मौत हुई थी, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में केवल 10 मौतें दिखाई गईं। यह भ्रष्टाचार को छिपाने का प्रयास है।”
मुख्य विवाद के मुद्दे:
अतुल प्रधान का कहना है कि विपक्ष को विधानसभा में बोलने से रोका जा रहा है।
झांसी में हुए अग्निकांड और उसमें हुई मौतों का आंकड़ा सरकार द्वारा गलत प्रस्तुत किया गया।
भ्रष्टाचार और अन्य जनहित के मुद्दों पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष की भाषा और रवैया सवालों के घेरे में है।
सत्ता पक्ष की चुप्पी पर सवाल:
अतुल प्रधान ने कहा कि विपक्ष द्वारा जनता से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा की जा रही थी, लेकिन सत्तारूढ़ दल इन्हें दबाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे रवैये से लोकतंत्र की आत्मा पर चोट पहुंचती है।
इस घटना ने विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जारी खींचतान को और गहरा कर दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विपक्ष इन मुद्दों को उठाने के लिए कौन से अगले कदम उठाएगा और विधानसभा का शेष सत्र किस दिशा में जाएगा।