AIN NEWS 1: गाजियाबाद में एक किराएदार ने मकान मालिक की सर्जरी का फायदा उठाकर मकान कब्जाने की कोशिश की, लेकिन उसकी चालाकी ज्यादा दिन नहीं चली। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मकान मालिक कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि रिटायर्ड एडीजी (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) हैं।
घटना की रिपोर्ट रिटायर्ड एडीजी के बेटे विक्रांत शर्मा ने दर्ज कराई। उनका आरोप है कि किराएदार अनुराग शर्मा ने उनकी मां मिथलेश शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर से मकान बिक्री का एग्रीमेंट तैयार कर लिया और उसे नोटिस भेज दिया। विक्रांत शर्मा ने बताया कि उनका परिवार बुजुर्ग है, और उनके पिता श्रीकांत शर्मा, जो एक सेवानिवृत्त एडीजी हैं, हृदय रोग से पीड़ित हैं। इस स्थिति का फायदा उठाकर किराएदार ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और मकान पर कब्जा करने की कोशिश की।
मामला राजनगर एक्सटेंशन की गौर कैस्केड सोसाइटी का है, जहां विक्रांत शर्मा अपने परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि 28 अक्टूबर 2023 को उनकी मां ने किराएदार को किराएदारी समाप्त करने का नोटिस भेजा था, लेकिन इसके बाद 15 अप्रैल 2024 को एडीएम कोर्ट में वाद दायर किया गया। इसके बाद ही फर्जीवाड़े का पता चला। पुलिस ने अब किराएदार और उसकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
बिल्डर पर भी आरोप: 26 लाख की धोखाधड़ी का मामला
इसी तरह, गाजियाबाद के एक व्यक्ति ने बिल्डर के खिलाफ फ्लैट की बिक्री में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है। जीटी रोड घंटाघर निवासी जितेंद्र सिंघल ने बताया कि उन्होंने 2007 में एसवीपी बिल्डर्स (आई) लिमिटेड के गुलमोहर गार्डन प्रोजेक्ट में 24.81 लाख रुपये में फ्लैट बुक किया था। इसके बाद 2012 तक उन्होंने बिल्डर को कुल 26 लाख रुपये का भुगतान किया।
जब जितेंद्र ने प्रोजेक्ट की जांच की, तो उसे कई खामियां मिलीं। इसके बाद जब उसने बिल्डर से संपर्क किया, तो वे उसे टरकाने लगे। आरोप है कि जब उसने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी, तो बिल्डर के कर्मचारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
8 सितंबर 2023 को जब जितेंद्र ने फ्लैट में जाकर देखा, तो पाया कि फ्लैट में एक व्यक्ति पारस रह रहा था और उसने भी गाली-गलौज की। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।
इस प्रकार गाजियाबाद में दो अलग-अलग मामलों में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की घटनाएं सामने आई हैं, जो पुलिस की जांच के दायरे में हैं।