AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जुमे की नमाज से पहले जामा मस्जिद के मुख्य द्वार पर एक युवक पूजा करने की कोशिश करता हुआ पाया गया। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ की। पुलिस के अनुसार, युवक मंदबुद्धि है, और उसे थाने लाकर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई और युवक की स्थिति
संभल के एसएसपी श्रीशचंद्र और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युवक को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के मुताबिक, युवक मानसिक रूप से अस्थिर था, जिसके कारण उसने यह कृत्य किया।
संभल मस्जिद विवाद: इतिहास और हालात
संभल की जामा मस्जिद से जुड़ा विवाद पहले भी सुर्खियों में रहा है। कुछ दिन पहले, कुछ लोगों ने दावा किया था कि यह मस्जिद पहले मंदिर हुआ करती थी, जिसे तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया गया। इस दावे को लेकर धार्मिक उन्माद बढ़ गया और विवाद उत्पन्न हुआ। मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा और पत्थरबाजी की घटना भी सामने आई थी, जिसके कारण पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी। इस घटना में पांच मुस्लिम युवकों की जान चली गई थी।
मुस्लिम पक्ष का बयान
मुस्लिम समुदाय का कहना है कि जामा मस्जिद का निर्माण सूफी संत बादशाह शमशुद्दीन अल्तमश ने किया था। उनका दावा है कि इस जगह पर कभी कोई मंदिर नहीं था और मस्जिद का निर्माण अल्लाह की इबादत के लिए किया गया था। इस प्रकार के दावों को मुस्लिम पक्ष झूठ और तथ्यहीन मानता है।
ASI की रिपोर्ट और मस्जिद के अंदर अवैध निर्माण
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि उनकी टीम को लंबे समय से जामा मस्जिद के अंदर निरीक्षण करने से रोका जा रहा है। ASI ने दावा किया कि 1920 से मस्जिद के संरक्षण और रखरखाव की जिम्मेदारी उनकी टीम पर है, लेकिन स्थानीय लोग उन्हें निरीक्षण से रोकते रहे हैं। ASI ने बताया कि जून 2024 में, स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मदद से टीम मस्जिद के अंदर जा पाई, जहां उन्होंने अतिरिक्त निर्माण कार्य देखे। ASI ने अदालत को बताया कि मस्जिद परिसर में ऐतिहासिक अवशेषों के संरक्षण कानून का उल्लंघन हो रहा है। इस पर ASI ने मस्जिद में अवैध निर्माण कराने वालों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भी जारी किए।
संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद और पुलिस कार्रवाई ने इसे एक नया मोड़ दिया है। जहां एक ओर धार्मिक दावे हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मस्जिद के संरक्षण और अवैध निर्माण को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्थिति पर काबू पाया गया है, लेकिन इस मुद्दे पर आगे और घटनाएँ सामने आ सकती हैं।