AIN NEWS 1: बांग्लादेश में हाल ही में बढ़ते धार्मिक तनाव और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा को लेकर ISKCON (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कंसियसनेस) के गवर्निंग बॉडी कमिश्नर, गौरांग दास ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर यह स्थिति बहुत चिंताजनक है और ISKCON इस मुद्दे पर पूरी तरह से चिंतित है।
गौरांग दास ने बांग्लादेश सरकार और उसके अधिकारियों से अपील की है कि वे देश के सभी नागरिकों, विशेषकर धार्मिक अल्पसंख्यकों, की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, “हमारे सभी मंदिरों में लोग स्वेच्छा से अपनी धार्मिक पूजा करते हैं, इन मंदिरों और उनके पवित्र प्रतीकों (मूर्तियों) की रक्षा की जानी चाहिए। इन धार्मिक स्थलों पर पूजा करने वाले भक्तों की भी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।”
गौरांग दास ने आगे कहा कि ISKCON बांग्लादेश सरकार से यह अनुरोध करता है कि सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक विश्वासों का पालन करने की स्वतंत्रता दी जाए। उन्होंने विशेष रूप से हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों का जिक्र करते हुए कहा कि सभी को समान अधिकार मिलना चाहिए ताकि वे अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान कर सकें और उनके पूजा स्थल सुरक्षित रहें।
“हम बांग्लादेश सरकार से अनुरोध करते हैं कि सभी धार्मिक समुदायों को अपने-अपने धर्म का पालन करने का अधिकार दिया जाए। बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू, बौद्ध, ईसाई और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।”
गौरांग दास ने यह भी कहा कि ISKCON का यह उद्देश्य है कि भारत और बांग्लादेश के बीच दोस्ताना रिश्ते मजबूत हों और दोनों देशों में धार्मिक विविधता का सम्मान किया जाए। इस प्रकार, ISKCON ने बांग्लादेश की सरकार से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है ताकि सभी नागरिक, विशेषकर धार्मिक अल्पसंख्यक, सुरक्षित महसूस करें और अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का पालन कर सकें।
यह बयान एक ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। इस समस्या को हल करने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भी बांग्लादेश सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। ISKCON की यह अपील एक महत्वपूर्ण कदम है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को उजागर करती है।