AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी का एक गंभीर मामला सामने आया है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और मानव तस्करी रोधी यूनिट ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 17 वर्षीय नेपाली लड़की को बचाया, जिसे एक युवक बहला-फुसलाकर जालंधर (पंजाब) ले जाने की कोशिश कर रहा था।
घटना का खुलासा
बुधवार रात करीब 10 बजे एसएसबी के जवान भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रूपईडिहा के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर वाहनों की नियमित जांच कर रहे थे। इस दौरान नेपाल से आ रही ‘भारत-नेपाल मैत्री बस’ की तलाशी ली गई। बस के अंदर एक नाबालिग नेपाली लड़की और एक युवक संदिग्ध अवस्था में पाए गए।
एसएसबी के कंपनी कमांडर और मानव तस्करी रोधी यूनिट ने नेपाल के एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के सहयोग से दोनों से पूछताछ की। पूछताछ में खुलासा हुआ कि 19 वर्षीय युवक, जिसका नाम माहित परियार है, नेपाल के प्युठान जिले का निवासी है। वह नाबालिग लड़की को उसके परिवार को बिना बताए बहला-फुसलाकर जालंधर ले जा रहा था।
मानव तस्करी की आशंका
एसएसबी की 42वीं वाहिनी के कार्यवाहक सेनानायक राज रंजन ने बताया कि मामला मानव तस्करी से संबंधित प्रतीत होता है। तस्करी के इस प्रयास को तुरंत विफल करते हुए आरोपी युवक को नेपाल पुलिस को सौंप दिया गया।
लड़की को भी नेपाल पुलिस की उपस्थिति में वहां के एक एनजीओ के हवाले कर दिया गया। एसएसबी उपसेनानायक दिलीप कुमार ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया के तहत यदि तस्कर और पीड़िता दोनों नेपाली नागरिक होते हैं, तो उन्हें नेपाल पुलिस और स्थानीय एनजीओ को सौंप दिया जाता है।
मानव तस्करी रोधी अभियान में सफलता
एसएसबी और मानव तस्करी रोधी यूनिट की इस कार्रवाई से एक और नाबालिग लड़की को तस्करी का शिकार बनने से बचा लिया गया। नेपाल और भारत के बीच सक्रिय मानव तस्करी नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए इस तरह की संयुक्त कार्रवाइयों को और सख्त बनाने की आवश्यकता है।
यह घटना मानव तस्करी की गंभीरता को उजागर करती है और सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी की सराहना योग्य है। जागरूकता और सतर्कता से इस तरह के अपराधों पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जा सकती है।