AIN NEWS 1 | पाकिस्तान की खाड़ी देशों में छवि खराब होने का सिलसिला जारी है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों ने पाकिस्तान के 30 शहरों के नागरिकों के लिए वीजा पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला लाखों पाकिस्तानी यात्रियों और नौकरी की तलाश करने वालों के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि खाड़ी देश उनकी प्राथमिक पसंद रहे हैं।
वीजा प्रतिबंध के कारण पाकिस्तानी पासपोर्ट की छवि खराब
हाल के वर्षों में वीजा आवेदनों के खारिज होने और यात्रा पर बैन की बढ़ती घटनाओं ने पाकिस्तानी पासपोर्ट की खराब स्थिति को और बिगाड़ दिया है। इसका नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तानी पासपोर्ट लगातार तीसरे साल दुनिया में चौथी सबसे खराब रैंकिंग पर है। इसके अलावा, यूएई ने पाकिस्तान के वीजा आवेदकों के लिए पुलिस द्वारा जारी चरित्र प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया है।
बैन का कारण: अवैध गतिविधियां और अयोग्यता
खाड़ी देशों ने यह प्रतिबंध पाकिस्तानियों की बढ़ती अवैध गतिविधियों को देखते हुए लगाया है। पॉडकास्टर नादिर अली ने कराची की एक ट्रैवल कंपनी के मालिक से बातचीत में बताया कि सऊदी अरब और दुबई जैसे लोकप्रिय गंतव्यों ने अब पाकिस्तानियों को वीजा देना बंद कर दिया है।
खाड़ी देशों का यह कदम पाकिस्तानी यात्रियों की संदिग्ध गतिविधियों से जुड़ा है। हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी यात्री खाड़ी देशों में ड्रग तस्करी, भिक्षावृत्ति और मानव तस्करी जैसे अवैध कार्यों में लिप्त पाए गए हैं। सऊदी अरब ने भिखारियों के पकड़े जाने की बढ़ती घटनाओं को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी भी दी है।
कंपनियों की शिकायतें और कार्यबल की अयोग्यता
खाड़ी देशों की कंपनियों ने पाकिस्तान के भर्ती एजेंसियों के खिलाफ शिकायत की है। कंपनियों का कहना है कि पाकिस्तान से भेजे गए कर्मचारी न तो अपनी जिम्मेदारियां सही ढंग से निभा पाते हैं और न ही नौकरी की आवश्यकताओं को पूरा कर पाते हैं।
इस्लामाबाद स्थित विंची टूर्स एंड ट्रैवल्स के प्रबंध निदेशक मुद्दसर मीर ने बताया कि खाड़ी देशों की कंपनियां अब पाकिस्तान से मजदूरों और तकनीशियनों को नियुक्त करने से बच रही हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान से आने वाला कार्यबल अक्षम साबित हो रहा है।
निष्कर्ष
खाड़ी देशों में पाकिस्तान की छवि लगातार खराब हो रही है। वीजा प्रतिबंध और रोजगार के अवसरों की कमी पाकिस्तान के नागरिकों के लिए बड़ा संकट बनती जा रही है। यह घटनाएं पाकिस्तान को अपनी नीतियों और नागरिकों की गतिविधियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर रही हैं।