लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को महाराष्ट्र के परभणी जिले का दौरा करेंगे, जहां वह हाल ही में हुई हिंसा में मारे गए दो लोगों के परिवारों से मिलेंगे। इस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि परभणी जैसी घटनाएं भारतीय संविधान के निर्माता, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति अपमान और उनके अनुयाइयों के प्रति हीन भावना का परिणाम हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियों की नीयत और नीति में खोट है और वे कभी भी दलितों और पिछड़ों के असली हितैषी नहीं रहे हैं।
कांग्रेस पर आरोप: घड़ियाली आंसू बहाना
मायावती ने कहा कि कांग्रेस का परभणी हिंसा के बाद राहुल गांधी का दौरा सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाने जैसा है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के जीवनकाल में और उनके निधन के बाद भी कांग्रेस का रवैया हमेशा जातिवादी और तिरस्कारी रहा है। कांग्रेस को केवल तब दलित और पिछड़ों की याद आती है जब उनका खुद का वक्त बुरा होता है।
बीएसपी की अपील: संविधान विरोधी राजनीति से बचने की चेतावनी
मायावती ने यह भी कहा कि बीएसपी ने केंद्रीय गृह मंत्री से संसद में बाबासाहेब के खिलाफ की गई टिप्पणी को वापस लेने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने देशभर में बीएसपी द्वारा आयोजित किए जाने वाले शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए सर्वसमाज से अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी कि बाबासाहेब के नाम पर छलावापूर्ण राजनीति करने वालों से सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
बीएसपी का राजनीतिक मिशन: अम्बेडकरवादी आत्म-सम्मान
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आगे कहा कि बीएसपी का उद्देश्य बहुजन समाज को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाना है, जबकि अन्य पार्टियां केवल उनके वोटों के स्वार्थ में बाबासाहेब के नाम का ढोंग करती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन पार्टियों का दलित और बहुजन समुदाय के हितों के प्रति रवैया “मुंह में राम, बगल में छुरी” जैसा है।
परभणी हिंसा का मामला
ज्ञात हो कि परभणी शहर के रेलवे स्टेशन के पास स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के पास संविधान की प्रतिकृति को 10 दिसंबर को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद हिंसा भड़क उठी थी। इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है।