AIN NEWS 1 नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने अपने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए सभी राष्ट्रीय और उत्तर प्रदेश के प्रवक्ताओं को उनके पद से हटा दिया है। यह निर्णय पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी के निर्देश पर लिया गया।
गृह मंत्री के बयान पर टिप्पणी बनी विवाद का कारण
यह कदम उस समय उठाया गया है जब पार्टी के एक प्रवक्ता द्वारा गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर आलोचनात्मक टिप्पणी की गई थी। इस टिप्पणी के बाद पार्टी ने यह कठोर निर्णय लिया। सूत्रों का कहना है कि यह निर्णय संगठन की अनुशासनात्मक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए लिया गया है।
महासचिव त्रिलोक त्यागी ने जारी किया आदेश
पार्टी महासचिव (संगठन) त्रिलोक त्यागी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा,
“राष्ट्रीय लोकदल के सभी राष्ट्रीय प्रवक्ताओं और उत्तर प्रदेश के प्रवक्ताओं को तत्काल प्रभाव से उनके पदों से हटा दिया गया है।”
त्रिलोक त्यागी ने इस आदेश को पार्टी के सभी संबंधित सदस्यों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला संगठनात्मक सुधार और अनुशासन कायम रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
पार्टी प्रवक्ताओं के पद खाली, नए नामों की तलाश शुरू
रालोद द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद अब सभी प्रवक्ताओं के पद खाली हो गए हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही नए प्रवक्ताओं की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें उन नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जो पार्टी के विचारधारा और अनुशासन का पालन करने में सक्षम हैं।
जयंत चौधरी का उद्देश्य
पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी लंबे समय से संगठन में सुधार लाने और अनुशासन को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। माना जा रहा है कि यह फैसला उनकी उसी नीति का हिस्सा है। पार्टी के भीतर इस कदम को लेकर सकारात्मक और नकारात्मक प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं।
राष्ट्रीय लोकदल का यह बड़ा फैसला आने वाले दिनों में पार्टी के कार्यप्रणाली और छवि पर कैसा प्रभाव डालेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।