नमस्कार,
कल की बड़ी खबर यूपी से रही, यहां 3 खालिस्तानी आतंकी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। एक खबर दिग्गज फिल्ममेकर श्याम बेनेगल के निधन की रही।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- बसपा ने गृह मंत्री अमित शाह पर अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया है। पार्टी देशभर में शाह के खिलाफ प्रदर्शन करेगी।
- भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 6 दिन के दौरे पर अमेरिका जाएंगे। इस दौरान द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर चर्चा करेंगे।
अब कल की बड़ी खबरें…
पीलीभीत में खालिस्तानी आतंकियों का एनकाउंटर: पंजाब में थाने पर ग्रेनेड हमला करने वाले तीन आतंकी ढेर
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई। 19 दिसंबर को पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला करने वाले खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के तीन आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया।
एनकाउंटर का पूरा घटनाक्रम
- यूपी और पंजाब पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन चलाते हुए आतंकियों को घेरा।
- पुलिस और आतंकियों के बीच करीब आधे घंटे तक गोलीबारी चली, जिसमें 100 से ज्यादा राउंड फायर किए गए।
- एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों की उम्र क्रमशः 18, 23 और 25 साल थी।
DGP का बयान: पाकिस्तान के इशारे पर कर रहे थे काम
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने जानकारी दी कि ये आतंकी पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के सदस्य थे।
- KZF का सरगना रणजीत सिंह नीटा फिलहाल पाकिस्तान में है और वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करता है।
- रणजीत सिंह पंजाब में अशांति फैलाने और माहौल खराब करने की साजिश रच रहा था।
पुलिस की सफलता
इस एनकाउंटर को सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता माना जा रहा है। संयुक्त ऑपरेशन के तहत यूपी और पंजाब पुलिस ने आतंकियों की गतिविधियों को ट्रैक कर उन्हें पकड़ने की योजना बनाई, जिसमें वे कामयाब रहे।
पृष्ठभूमि: गुरदासपुर में ग्रेनेड हमला
19 दिसंबर को इन आतंकियों ने पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड अटैक किया था। इस घटना के बाद से पुलिस इनके पीछे थी।
यह कार्रवाई सुरक्षा एजेंसियों की तेजी और आपसी तालमेल का नतीजा है।
5वीं और 8वीं में फेल होने वाले छात्रों को नहीं मिलेगा प्रमोशन, 2 महीने में देना होगा री-एग्जाम
केंद्र सरकार ने स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है। इसके तहत अब 5वीं और 8वीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। हालांकि, ऐसे छात्रों को 2 महीने के भीतर री-एग्जाम देने का मौका मिलेगा।
फेल छात्रों को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा
फेल होने के बावजूद छात्रों को स्कूल से निकाला नहीं जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि बच्चों को पढ़ाई में सुधार का मौका दिया जाए, लेकिन बिना मेहनत के उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट न किया जाए।
16 राज्यों में पहले ही खत्म हो चुकी है यह पॉलिसी
केंद्र सरकार की इस नई नीति का प्रभाव केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, और सैनिक स्कूलों सहित करीब 3,000 से अधिक स्कूलों पर होगा।
- 16 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेश (दिल्ली और पुडुचेरी) ने पहले ही इस पॉलिसी को खत्म कर दिया है।
- शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य अपने स्तर पर इस संबंध में निर्णय ले सकते हैं।
नई पॉलिसी का उद्देश्य
इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। इसके जरिए बच्चों में पढ़ाई के प्रति जागरूकता और मेहनत करने की आदत को बढ़ावा दिया जाएगा।
यह कदम शिक्षा के स्तर को सुधारने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
श्याम बेनेगल का निधन: 8 नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले दिग्गज फिल्ममेकर ने सिनेमा को दिए कई अनमोल रत्न
भारतीय सिनेमा के महान फिल्ममेकर श्याम बेनेगल का 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बेनेगल ने अपने करियर में 8 नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीते और उन्हें 2005 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सम्मान और उपलब्धियां
- 1976 में पद्म श्री और 1991 में पद्म भूषण से नवाजे गए।
- उनकी चर्चित फिल्मों में मंथन, जुबैदा, और सरदारी बेगम शामिल हैं।
पहली से आखिरी फिल्म तक का सफर
- 1974 में बेनेगल ने अपनी पहली फिल्म ‘अंकुर’ बनाई, जिसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश के किसानों के मुद्दों को बारीकी से दिखाया।
- उनकी आखिरी फिल्म ‘मुजीब- द मेकिंग ऑफ ए नेशन’ 2023 में रिलीज हुई। यह फिल्म बांग्लादेश के संस्थापक मुजीबुर रहमान की जिंदगी पर आधारित थी और इसकी शूटिंग दो साल तक चली।
श्याम बेनेगल का योगदान भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर ले गया। उनके निर्देशन में बनीं फिल्मों ने सामाजिक मुद्दों को बेहद संवेदनशील और प्रभावी ढंग से पेश किया। उनका निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है।
I.N.D.I.A ब्लॉक का नेतृत्व: मणिशंकर अय्यर बोले- कांग्रेस को नहीं करनी चाहिए अगुआई, जो चाहे नेतृत्व करे
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने I.N.D.I.A. गठबंधन के नेतृत्व को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस गठबंधन का नेतृत्व करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। अय्यर ने कहा, “ममता बनर्जी में क्षमता है, और अन्य नेता भी गठबंधन को लीड कर सकते हैं। जो भी अगुआई करना चाहे, उसे करने दिया जाए।”
ममता बनर्जी के नेतृत्व को समर्थन
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हरियाणा और महाराष्ट्र में गठबंधन की हार के बाद I.N.D.I.A ब्लॉक का नेतृत्व करने की इच्छा जताई थी।
- RJD चीफ लालू यादव समेत गठबंधन के चार दलों- शिवसेना (UBT), सपा, और NCP (शरद पवार) ने ममता का समर्थन किया है।
कांग्रेस के भीतर मतभेद
हालांकि, कई कांग्रेस नेताओं ने ममता बनर्जी के नेतृत्व पर सहमति नहीं जताई है। पार्टी के भीतर इस पर बहस चल रही है कि गठबंधन का नेतृत्व किसे करना चाहिए।
गठबंधन में नेतृत्व का सवाल
I.N.D.I.A ब्लॉक, जो भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहा है, नेतृत्व के सवाल पर स्पष्ट स्थिति नहीं बना पाया है। मणिशंकर अय्यर का बयान कांग्रेस के लिए आत्मनिरीक्षण का सुझाव देता है, ताकि गठबंधन को मजबूती दी जा सके।
यह बयान I.N.D.I.A ब्लॉक में नेतृत्व को लेकर जारी खींचतान को और बढ़ा सकता है।
चैंपियंस ट्रॉफी: भारत-पाकिस्तान का मुकाबला 23 फरवरी को दुबई में, टूर्नामेंट की शुरुआत 19 फरवरी से
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित मुकाबला 23 फरवरी को दुबई में खेला जाएगा। टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच 19 फरवरी को मेजबान पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच कराची में होगा। फाइनल मुकाबला 9 मार्च को लाहौर में आयोजित किया जाएगा।
भारत के मैच और ग्रुप स्टेज का शेड्यूल
- भारत का पहला मैच 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ होगा।
- टीम इंडिया अपने तीनों ग्रुप स्टेज मैच UAE में खेलेगी।
- अगर भारत सेमीफाइनल और फाइनल के लिए क्वालीफाई करता है, तो ये मुकाबले भी दुबई में खेले जाएंगे।
टूर्नामेंट का फॉर्मेट
- 8 टीमों के बीच कुल 15 मैच खेले जाएंगे।
- टूर्नामेंट का आयोजन 19 फरवरी से 9 मार्च तक होगा।
- 5 मैच UAE में जबकि बाकी 10 मैच पाकिस्तान में खेले जाने की संभावना है।
यह टूर्नामेंट भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक रोमांचक अनुभव होगा। दुबई में होने वाले हाई-वोल्टेज मुकाबले पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
पुष्पा-2 की भगदड़: तेलंगाना मंत्री ने अल्लू अर्जुन से मांगे ₹20 करोड़, विक्टिम परिवार ने किया बचाव
तेलंगाना के सिनेमैटोग्राफी मंत्री कोमाटीरेड्डी वेंकट रेड्डी ने एक्टर अल्लू अर्जुन से अपील की है कि वह भगदड़ में जान गंवाने वाली महिला के परिवार को ₹20 करोड़ की मदद दें। मंत्री ने कहा कि अल्लू अर्जुन की अचानक मौजूदगी के कारण थिएटर में भीड़ बढ़ी, जिससे यह हादसा हुआ।
मेकर्स और अल्लू ने की आर्थिक मदद
- पुष्पा-2 के मेकर्स ने पीड़ित परिवार को ₹50 लाख का चेक दिया।
- अल्लू अर्जुन पहले ही ₹25 लाख की मदद की घोषणा कर चुके हैं।
विक्टिम के पति का बयान
हादसे में जान गंवाने वाली महिला के पति भास्कर ने कहा,
“मैं अल्लू अर्जुन को इस घटना के लिए दोषी नहीं मानता। वह घटना के बाद से ही हमारी मदद कर रहे हैं। यह हमारा दुर्भाग्य है।”
क्या था मामला?
- घटना 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में हुई, जहां अल्लू अर्जुन बिना सूचना के पहुंचे थे।
- भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया।
सार्वजनिक हस्तियों पर सवाल
यह मामला दर्शाता है कि सार्वजनिक हस्तियों की उपस्थिति के कारण होने वाली घटनाओं में उनकी जिम्मेदारी पर सवाल उठाए जाते हैं। हालांकि, पीड़ित परिवार ने अल्लू अर्जुन को बचाव में खड़े होकर उनकी मदद की सराहना की है।
बांग्लादेश ने भारत से की शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग, कहा- देशद्रोह समेत 225 केस दर्ज
बांग्लादेश सरकार ने भारत को आधिकारिक पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की है। बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने बताया,
“हमने शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार को राजनयिक पत्र भेजा है। हम उन पर केस चलाना चाहते हैं।”
क्या है मामला?
- 5 अगस्त को बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद शेख हसीना ने भारत में शरण ली।
- वे भारत में रहकर राजनीतिक बयान दे रही हैं, जिसे लेकर बांग्लादेश सरकार ने आपत्ति जताई है।
शेख हसीना पर लगे आरोप
- बांग्लादेश की मौजूदा यूनुस सरकार ने हसीना पर हत्या, अपहरण और देशद्रोह जैसे 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं।
- बांग्लादेश सरकार का कहना है कि हसीना के बयानों से भारत-बांग्लादेश के संबंध बिगड़ सकते हैं।
भारत पर दबाव बढ़ा
बांग्लादेश की इस मांग से भारत के लिए एक राजनयिक चुनौती खड़ी हो गई है। शेख हसीना का मामला दोनों देशों के रिश्तों पर असर डाल सकता है। भारत को अपने निर्णय में राजनीतिक और मानवाधिकार दोनों पहलुओं को संतुलित करना होगा।