Sambhal News: संभल के चंदौसी क्षेत्र में स्थित रानी की बावड़ी लगातार नए रहस्यों को उजागर कर रही है। खुदाई के चौथे दिन रविवार को बावड़ी में एक और प्राचीन गलियारा मिला है। अब तक खुदाई में पांच गलियारे, आठ सीढ़ियां, और एक मुख्य गेट सामने आ चुके हैं। यह मुख्य गेट बावड़ी के भीतर जाने का प्रवेश द्वार माना जा रहा है।
बावड़ी में क्या मिला अब तक?
- गलियारे: कुल पांच गलियारे अब तक खुदाई में मिले हैं।
- सीढ़ियां: आठ सीढ़ियां सामने आई हैं, जिनसे बावड़ी के भीतर पहुंचा जा सकता है।
- मुख्य गेट: बावड़ी का मुख्य द्वार भी खुदाई के दौरान प्रकट हुआ है।
खुदाई का तरीका और प्रगति:
खुदाई का कार्य नगर पालिका और प्रशासन की देखरेख में चल रहा है। बावड़ी की प्राचीनता को ध्यान में रखते हुए, खुदाई मजदूरों से करवाई जा रही है ताकि संरचना को कोई नुकसान न पहुंचे। जेसीबी मशीनों का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
- अब तक खुदाई सात फीट गहराई तक पहुंच चुकी है।
- माना जा रहा है कि यह बावड़ी दो मंजिला गहरी हो सकती है।
- आज तक नौ फीट गहराई तक खुदाई का लक्ष्य रखा गया है।
जल स्रोत मिलने की उम्मीद:
नगरपालिका की इंस्पेक्टर प्रियंका सिंह के अनुसार, बावड़ी की संरचना पूरी तरह सामने आने तक खुदाई जारी रहेगी। यह उम्मीद की जा रही है कि बावड़ी के भीतर जल स्रोत भी मिल सकता है।
संबंधित खोजें:
- लाडो सराय में मिला कुआं: संभल के लाडो सराय में भी एक प्राचीन कुआं मिला है, जिसे मिट्टी और कचरे से बंद कर दिया गया था। यह कुआं लगभग सौ साल पुराना बताया जा रहा है।
- पुराने नक्शों के आधार पर प्रशासन ने 19 कुओं का जिक्र किया था, जिसमें से अब तक एक और कुआं खोजा गया है।
संभल की ऐतिहासिक धरोहरों का महत्व:
रानी की बावड़ी और प्राचीन कुएं संभल के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करते हैं। यह खुदाई न केवल इस क्षेत्र की धरोहरों को संरक्षित करने में मदद करेगी, बल्कि संभावित जल स्रोतों के पुनर्जीवन का मार्ग भी प्रशस्त कर सकती है।