AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर में एक 150 साल पुराना शिवलिंग मिला है, जो अब तक कब्रिस्तान की बाउंड्री में कैद था। इस घटना के बाद स्थानीय हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने शिवलिंग पर पूजा-अर्चना करने की मांग की। मामला शांतिपूर्वक हल होने के बाद अब शिवलिंग के पास लोग पूजा करने पहुंच रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
गाजियाबाद के मोदीनगर में स्थित एक कब्रिस्तान के पास एक शिवलिंग मिलने की खबर ने हड़कंप मचा दिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह शिवलिंग कब्रिस्तान की दीवार के अंदर लगभग 150 साल से दबा हुआ था। जैसे ही यह बात हिंदू संगठनों तक पहुंची, उन्होंने मांग की कि इस शिवलिंग की पूजा की जाए और इसका उचित सम्मान किया जाए।
हिंदू संगठनों का आक्रोश
इस खबर के बाद हिंदू संगठनों ने विरोध जताया और कहा कि शिवलिंग का अपमान नहीं सहन किया जा सकता। उन्होंने मांग की कि शिवलिंग को खुले रूप में रखा जाए और वहां पूजा की जाए। इस मुद्दे को लेकर माहौल कुछ समय के लिए तनावपूर्ण हो गया।
समाज के दोनों वर्गों का समाधान
हालांकि, विवाद को सुलझाने के लिए दोनों समुदायों के लोग आगे आए। हिंदू और मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने मिलकर एक समाधान निकाला। कब्रिस्तान में पीर की बाउंड्रीवाल को ढककर शिवलिंग को अलग से रास्ता दिया गया। इसके बाद विवाद शांत हुआ और शिवलिंग के पास पूजा का आयोजन शुरू हो गया।
अब शिवलिंग पर हो रही पूजा
अब, गाजियाबाद के मोदीनगर में इस 150 साल पुराने शिवलिंग पर पूजा-अर्चना हो रही है और लोग हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए वहां पहुंच रहे हैं। यह शिवलिंग अब मुस्लिम मोहल्ले से ‘आजाद’ हो गया है और लोग यहां महादेव की पूजा करने के लिए आ रहे हैं।
शिवलिंग मिलने का सिलसिला जारी
यह घटना गाजियाबाद में हुई है, लेकिन इससे पहले उत्तर प्रदेश के संभल, मेरठ, अलीगढ़ और जौनपुर में भी शिवलिंग मिल चुके हैं। इन घटनाओं ने प्रदेश में एक नया विवाद खड़ा कर दिया था, लेकिन अब गाजियाबाद में मामले का समाधान शांतिपूर्वक हो गया है।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक भावनाओं को समझते हुए और आपसी सहमति से विवादों का समाधान संभव है। अब गाजियाबाद में यह शिवलिंग एक धार्मिक स्थल के रूप में पहचाना जा रहा है और यहां पूजा का आयोजन हो रहा है।