AIN NEWS 1: बिहार के भोजपुर जिले में एक व्यक्ति को नकली दारोगा बनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह व्यक्ति करीब दो सालों से जिले के विभिन्न इलाकों में दारोगा बनकर घूम रहा था और अधिकारियों से लेकर आम जनता तक को धोखा दे रहा था। इस मामले ने राज्यभर में चर्चा का विषय बना दिया है, खासकर जब पहले ही एक नकली आईपीएस अधिकारी को पकड़ा जा चुका है।
गिरफ्तारी का कारण
मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति दारोगा की वर्दी पहनकर बाजार में घूम रहा है और लोगों पर धौंस जमा रहा है। जानकारी मिलने पर थाना अध्यक्ष आदित्य कुमार के नेतृत्व में एसआई पूजा कुमारी ने तुरंत कार्रवाई की और उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान राकेश कुमार सिंह के रूप में हुई, जो भोजपुर जिले के गड़हनी थाना क्षेत्र के मदुरा गांव का निवासी है। उसने खुद को 2019 बैच का दारोगा बताया था और वर्दी, बेल्ट, टोपी, और बैच जैसी पूरी ड्रेसिंग पहने हुए था।
जालसाजी का खुलासा
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को राकेश के पास से दारोगा की वर्दी, बेल्ट, बैच, और टोपी मिली। इसके साथ ही उसके मोबाइल से चुनाव ड्यूटी की कुछ तस्वीरें भी बरामद हुईं, जिसमें वह चुनाव ड्यूटी पर दिख रहा था। जांच में पता चला कि वह रोहतास और भोजपुर जिले में फर्जी तरीके से दारोगा के तौर पर काम कर रहा था। उसने चुनावों और छठ पूजा के अवसर पर ड्यूटी देने का दावा किया था।
इसके अलावा, पुलिस ने उसके मोबाइल से चुनाव ड्यूटी के दौरान खींची गई तस्वीरों को भी जब्त किया, जो यह साबित करती हैं कि वह बिना किसी वास्तविक अधिकार के अधिकारियों के साथ खड़ा था और लोगों को गुमराह कर रहा था।
बिहिया थाना में भी घुसा था
राकेश कुमार सिंह ने हाल ही में भोजपुर जिले के बिहिया थाना में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। उसने यहां खुद को 2019 बैच का दारोगा बताया और केस के अनुसंधान में मदद करने के लिए थाने में आया था। यहां उसने एक महिला एसआई पूजा कुमारी से यह भी कहा था कि वह बिक्रमगंज थाना में तैनात है और केस के अनुसंधान के बारे में जानकारी लेने के लिए उनसे संपर्क कर रहा है। हालांकि, पूजा कुमारी को उसकी बातों पर शक हुआ और उन्होंने इसकी जानकारी थानाध्यक्ष को दी। बाद में बिहिया थाना और बिक्रमगंज थाना के अधिकारियों ने जांच की तो यह पता चला कि वह नकली दारोगा था।
फर्जी प्रमाण पत्र और जालसाजी का अन्य पहलू
राकेश कुमार के पास पुलिस अवर निरीक्षक (दारोगा) के पद का फर्जी प्रमाण पत्र भी पाया गया। इस प्रमाण पत्र को उसने धोखे से दूसरे व्यक्ति का नाम बदलकर अपने नाम से बनवाया था। पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने इस धोखाधड़ी को कैसे अंजाम दिया।
परिवार को भी किया था गुमराह
राकेश कुमार सिंह ने अपने परिवार के लोगों को भी बेवकूफ बना रखा था। उसने घरवालों को बताया था कि वह एक टेक्नीशियन है और उसी के आधार पर उसकी शादी हुई थी। बाद में उसने यह बताया कि वह एक दारोगा बन गया है। उसकी पत्नी, जो छत्तीसगढ़ में रेलवे में स्टेशन मास्टर के रूप में काम करती है, इस जालसाजी से बेखबर थी। जब पुलिस ने राकेश को गिरफ्तार किया, तब उसके परिजनों ने भी इस धोखाधड़ी को लेकर चौंकने का इजहार किया।
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की जांच
भोजपुर पुलिस ने राकेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और विधिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एसडीपीओ राजीव चंद्र सिंह ने बताया कि उसकी गिरफ्तारी के बाद, पुलिस यह जांच कर रही है कि उसने किस तरह से अधिकारियों और आम जनता को अपने झांसे में लिया। इसके साथ ही उसके द्वारा चुनाव ड्यूटी पर लगाए गए आरोपों की भी जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि वह और कितने लोगों को इस तरह से गुमराह कर चुका है।
संदिग्ध तरीके से घूम रहा था
राकेश कुमार सिंह ने अपनी जालसाजी के दौरान विभिन्न इलाकों में अपनी पहचान बदलकर अधिकारियों से संपर्क साधा था। वह कभी सासाराम, कभी काराकाट, और कभी हसन बाजार में तैनात होने का दावा करता था। उसने कभी अधिकारियों के साथ अपनी ड्यूटी करते हुए खिंचवाए गए फोटोग्राफ दिखाकर भी अपने दावे को सही साबित करने की कोशिश की। पुलिस की जांच में यह पाया गया कि वह लगातार अलग-अलग पुलिस थानों में अपनी पहचान बदलता रहा था।
बिहार में नकली दारोगा बनने का यह मामला राज्यभर में चर्चा का विषय बन चुका है। इससे पहले एक नकली आईपीएस अधिकारी मिथिलेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया था, और अब एक और फर्जी अधिकारी को पकड़ा गया है। इस मामले से यह साफ होता है कि राज्य में इस तरह के जालसाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि आम जनता को धोखा देने वाले तत्वों को रोका जा सके। पुलिस इस मामले में गहराई से जांच कर रही है, ताकि अन्य लोगों को भी इसके जाल से बचाया जा सके।