AIN NEWS 1 नई दिल्ली: रिटायर्ड IAS अफसर हरी शंकर मिश्रा की 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति पर तीन महिलाएं अपना दावा पेश कर रही हैं, जिनमें से हर एक खुद को अफसर की पत्नी बता रही है। इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब अफसर की 11 जुलाई, 2024 को मौत के बाद उनकी संपत्ति के ट्रांसफर पर विवाद शुरू हुआ। नोएडा प्राधिकरण ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और फिलहाल किसी को भी संपत्ति का अधिकार नहीं दिया गया है।
शीबा शिखा का दावा:
पहली महिला, 30 वर्षीय शीबा शिखा, ने दावा किया कि वह हरी शंकर की पत्नी हैं और उनकी शादी 3 जुलाई, 2024 को हुई थी, यानी अफसर की मृत्यु से महज 8 दिन पहले। शीबा ने अपनी शादी का प्रमाणपत्र और हरी शंकर के डेथ सर्टिफिकेट के साथ नोएडा प्राधिकरण में आवेदन किया। इसके बाद, प्राधिकरण ने सेक्टर-62 की 10 करोड़ रुपए की आवासीय संपत्ति को शीबा के नाम ट्रांसफर कर दिया। लेकिन शीबा का दावा और शादी का प्रमाणपत्र इस समय के आसपास की तारीखों का है, जो शक पैदा करता है।
अनीता मिश्रा का आरोप:
वहीं, 45 वर्षीय अनीता मिश्रा, जो खुद को हरी शंकर की असली पत्नी बताती हैं, ने भी प्राधिकरण के सामने दस्तावेज़ प्रस्तुत किए। उन्होंने दावा किया कि उनकी शादी 27 साल पहले हुई थी और उनके दो बच्चे हैं। अनीता ने अपने बच्चों के आधार कार्ड और बर्थ सर्टिफिकेट भी जमा किए। इसके बाद, नोएडा प्राधिकरण ने शीबा शिखा के नाम संपत्ति ट्रांसफर को निरस्त कर दिया और मामले की जांच शुरू कर दी।
तीसरी महिला और नए मोड़:
इस मामले में एक और चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब एक अन्य महिला, जो खुद को हरी शंकर मिश्रा की बेटी बताती है, प्राधिकरण के दफ्तर पहुंची। उसने कहा कि हरी शंकर की असली पत्नी कुशीनगर में रहती हैं और वह बीमार हैं, इसलिए प्राधिकरण नहीं आ सकतीं। इस महिला ने भी अपने दस्तावेजों के साथ दावा किया कि वह हरी शंकर की बेटी हैं और उन्हें संपत्ति पर हक है। अब प्राधिकरण के अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि असली पत्नी कौन है और किसे संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए।
प्रॉपर्टी ट्रांसफर पर रोक:
प्राधिकरण ने इस पूरे मामले में तीनों महिलाओं के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है और कहा है कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी महिला को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाएगा। नोएडा में हरी शंकर मिश्रा की दो महत्वपूर्ण प्रॉपर्टीज हैं, जिनकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपए है। इसके अलावा, लखनऊ और कुशीनगर में उनकी और संपत्तियां हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 50 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
जांच जारी:
नोएडा प्राधिकरण की ACEO वंदना त्रिपाठी ने कहा कि इस मामले में पूरी जांच की जा रही है और अगले 10 दिनों में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई महिला असली उत्तराधिकारी साबित होती है, तो उसे ही संपत्ति का अधिकार मिलेगा। इस बीच, अनीता मिश्रा ने साजिद नाम के व्यक्ति पर आरोप लगाए हैं, जिनका दावा है कि वह प्रॉपर्टी हथियाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब सबकी नजरें प्राधिकरण की जांच और अदालत के फैसले पर हैं।