AIN NEWS 1 | देश में बढ़ते साइबर अपराधों के मामलों को रोकने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब जो लोग दूसरों के नाम पर सिम खरीदते हैं या फर्जी मैसेज भेजकर धोखाधड़ी करते हैं, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इस ब्लैकलिस्ट में नाम आने के बाद ऐसे व्यक्तियों को 3 साल तक नया सिम कनेक्शन नहीं मिलेगा।
ब्लैकलिस्ट में कैसे शामिल होंगे नाम?
सीएनबीसी-आवाज की रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार विभाग (DoT) ने ऐसे लोगों की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है, जो साइबर सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।
- कार्रवाई की प्रक्रिया:
- जिन व्यक्तियों पर आरोप होगा, उन्हें नोटिस देकर 7 दिन के भीतर जवाब मांगा जाएगा।
- यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो उनका मौजूदा सिम ब्लॉक कर दिया जाएगा।
- ब्लैकलिस्टेड व्यक्तियों पर 6 महीने से 3 साल तक नया सिम खरीदने पर रोक लगाई जाएगी।
- विशेष स्थिति में कार्रवाई:
- जनहित के मामलों में बिना नोटिस के भी व्यक्ति को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।
साइबर क्राइम रोकने के अन्य प्रयास
सरकार ने हाल ही में साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं:
- सिम और IMEI ब्लॉक:
- 15 नवंबर 2024 तक 6.69 लाख सिम कार्ड और 1.32 लाख IMEI नंबर ब्लॉक किए गए।
- जागरूकता अभियान:
- टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कॉलर-ट्यून के जरिए साइबर सुरक्षा से संबंधित संदेश प्रसारित करें। यह अभियान 3 महीने तक चलेगा।
सरकार का उद्देश्य
साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए सरकार के ये कदम न केवल डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा देंगे, बल्कि फ्रॉड करने वाले लोगों के लिए सख्त संदेश भी होंगे। अगर आप सिम का दुरुपयोग कर रहे हैं, तो अब सतर्क हो जाइए, क्योंकि अब लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं होगी।