AIN NEWS 1 नई दिल्ली: साइबर अपराधों को रोकने के लिए सरकार ने एक सख्त कदम उठाया है। दूरसंचार विभाग ने सिम कार्ड से संबंधित एक नई ब्लैकलिस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें ऐसे लोग शामिल होंगे जो किसी दूसरे के नाम पर सिम कार्ड लेते हैं या फ्रॉड मैसेज भेजते हैं। यह कदम साइबर सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधियों के खिलाफ उठाया गया है।
क्या है नया कदम?
साइबर सुरक्षा के खतरे से बचने के लिए सरकार ने एक नई नीति लागू की है, जिसके तहत इन अपराधों में लिप्त व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इसके बाद ऐसे लोगों के सिम कार्ड ब्लॉक कर दिए जाएंगे और उन्हें आगामी 6 महीने से लेकर 3 साल तक कोई नया कनेक्शन नहीं मिलेगा। यह कदम 2025 से लागू होगा, जब ब्लैकलिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी।
क्या होंगे दंड?
अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे के नाम पर सिम कार्ड लेता है या फ्रॉड मैसेज भेजता है, तो उसे साइबर सुरक्षा के लिए खतरे का कारण माना जाएगा। सरकार ने इसे गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, और उन्हें ब्लैकलिस्ट में डालने के बाद उनकी सिम कार्ड सेवाएं ब्लॉक कर दी जाएंगी। साथ ही, इन्हें 6 महीने से 3 साल तक कोई नया कनेक्शन लेने की अनुमति नहीं होगी।
ब्लैकलिस्ट में कैसे जुड़ेंगे लोग?
सरकार के मुताबिक, ब्लैकलिस्ट में नाम जोड़ने से पहले संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी किया जाएगा। उसे 7 दिनों के अंदर जवाब देने का समय मिलेगा। अगर व्यक्ति जवाब नहीं देता या मामला गंभीर होता है, तो सरकार बिना नोटिस दिए भी कार्रवाई कर सकती है। नए नियमों के तहत साइबर सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जाएंगे, ताकि देश में साइबर अपराधों को कम किया जा सके।
नए टेलीकॉम एक्ट में बदलाव यह नया नियम 2023 में नोटिफाई किए गए नए टेलीकॉम एक्ट का हिस्सा है। इसमें कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जो साइबर सुरक्षा को मजबूत करेंगे। सरकार ने इस एक्ट के तहत साइबर अपराधों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। अब इन नियमों के तहत दूरसंचार विभाग ब्लैकलिस्ट में नाम जोड़कर कार्रवाई करेगा।
अंत में सरकार के इस कदम से साइबर अपराधियों को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी। आने वाले सालों में जब ये नए नियम लागू होंगे, तो यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी व्यक्ति धोखाधड़ी या साइबर अपराधों में लिप्त न हो।
कदम साइबर सुरक्षा को मजबूती देने और टेलीकॉम सेवाओं में धोखाधड़ी को रोकने के लिए है। जिन लोगों का नाम ब्लैकलिस्ट में होगा, वे लंबे समय तक सिम कार्ड या अन्य कनेक्शन प्राप्त करने से वंचित रहेंगे।