AIN NEWS 1 | महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में एनसीपी (एसपी) नेता शरद पवार के बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिससे राजनीति में हलचल मच गई है। फडणवीस ने कहा कि शरद पवार, जो कि राजनीति के “चाणक्य” माने जाते हैं, यह समझ गए होंगे कि 2024 के लोकसभा चुनावों में एमवीए द्वारा प्रचारित फर्जी भाषणों की असफलता को देखते हुए, उन्हें अब आरएसएस और बीजेपी की ताकत को स्वीकार करना पड़ा है। पवार ने बीजेपी की जीत का श्रेय आरएसएस को दिया और विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सफलता की सराहना की।
फडणवीस ने राजनीति में असंभव को संभावित बताया
शरद पवार और अजित पवार के गुटों के फिर से एक साथ आने की संभावना पर फडणवीस ने कहा, “राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। 2019 से 2024 तक जो घटनाएँ घटी हैं, उन्होंने मुझे यह अहसास कराया है कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे और अजित पवार का एक दूसरे के पास आना भी संभव है।
राज ठाकरे या उद्धव ठाकरे?
नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान फडणवीस से पूछा गया कि इस बार वे किसे चुनेंगे, राज ठाकरे या उद्धव ठाकरे को? फडणवीस ने जवाब दिया, “राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं है। उद्धव ठाकरे पहले मेरे मित्र थे और अब राज ठाकरे भी मेरे मित्र बन गए हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि अब राज ठाकरे उनके मित्र हैं और उद्धव ठाकरे शत्रु नहीं हैं।
शिंदे और पवार पर फडणवीस का भरोसा
जब फडणवीस से पूछा गया कि वे किस सहयोगी पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं, तो उन्होंने कहा, “अगर आप मुझसे पूछें तो एकनाथ शिंदे और अजित पवार दोनों के साथ मेरे बहुत करीबी संबंध हैं। इन दोनों नेताओं की सोच और कार्यशैली अलग-अलग है, लेकिन दोनों के साथ मेरे संबंध मजबूत हैं। एकनाथ शिंदे मेरे पुराने मित्र हैं, जबकि अजित पवार की राजनीतिक परिपक्वता के कारण हमारी सोच मेल खाती है।”
राजनीति में नए समीकरण की संभावना
फडणवीस के बयान से यह साफ है कि महाराष्ट्र की राजनीति में आगामी समय में नए गठबंधन और समीकरण संभव हो सकते हैं। राजनीति के इस बदलाव में शरद पवार, उद्धव ठाकरे और बीजेपी के बीच संबंधों में कोई भी मोड़ आ सकता है।