AIN NEWS 1 | हंसी को लेकर आपने अक्सर सुना होगा कि यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। हंसी न केवल आपके मूड को बेहतर बनाती है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी मानी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अत्यधिक हंसी से इंसान की मौत भी हो सकती है? आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हंसी के अतिरेक के कारण मृत्यु क्यों हो सकती है और इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह क्या है।
हंसी का महत्व
हंसी एक प्राकृतिक क्रिया है, जो किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए जरूरी होती है। यह न केवल मानसिक स्थिति को सुधारती है, बल्कि सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करती है। हंसी की वजह से इंसान खुश रहता है, और उसकी व्यक्तिगत व सामाजिक जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आता है। हंसी को कई बार योग से भी जोड़कर देखा जाता है, क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करती है। लेकिन कभी आपने सुना है कि किसी ने हंसी-हंसी में अपनी जान गंवाई हो? दुर्भाग्यवश, ऐसी घटनाएँ भी घट चुकी हैं, जिनमें हंसी के कारण मौत हो गई है।
हंसी के कारण हुई मौतें
- एलेक्स मिशेल (1975)
1975 में, एक आदमी एलेक्स मिशेल ने टीवी शो ‘द गुडीज़’ के एक एपिसोड के दौरान हंसी के कारण अपनी जान गंवा दी। उन्हें ‘लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम’ नामक दिल की बीमारी थी, जिसके चलते अत्यधिक हंसी के कारण उनकी मौत हो गई। - डैमनोएन सेन-उम
एक और व्यक्ति, डैमनोएन सेन-उम, दो मिनट तक लगातार तेज हंसने के कारण अपनी जान से हाथ धो बैठा। - मंगेश भोगल (2013)
महाराष्ट्र के एक 22 साल के युवक मंगेश भोगल ने एक कॉमेडी फिल्म देखकर इतनी जोर से हंसी ली कि उसे दिल का दौरा पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई।
तेज हंसी क्यों है खतरनाक?
तेज हंसी के दौरान शरीर पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। जब कोई व्यक्ति जोर-जोर से हंसता है, तो पेट पर दबाव बनता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। इस दौरान हंसी को नियंत्रित किया जाता है, क्योंकि अत्यधिक हंसी से सांस फूलने लगता है। तेज हंसी के कारण फेफड़े, दिल और दिमाग पर दबाव पड़ता है, जो कभी-कभी खतरनाक साबित हो सकता है। इस स्थिति को हिस्टिरिकल हंसी कहा जाता है, जिसमें व्यक्ति के शरीर में सांस रुकने, दिल का दौरा या अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
एक्सपर्ट्स की सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हंसी अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अत्यधिक जोर से हंसता है, तो यह खतरनाक हो सकता है। हंसी को कंट्रोल करना चाहिए, ताकि सांस लेने में कोई परेशानी न हो और दिल पर अधिक दबाव न पड़े।
अतः, हंसी हमेशा सुखद और स्वास्थ्यवर्धक होनी चाहिए, लेकिन जब हंसी की सीमा पार हो जाए, तो यह खतरे का कारण बन सकती है।