AIN NEWS 1 | भारत के लिए आज का दिन, हफ्ते के पहले कारोबारी दिन, एक ब्लैक मंडे के रूप में सामने आया है। हर मोर्चे से बुरी खबरें आ रही हैं। शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है, रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया है, और कच्चे तेल की कीमतों में उबाल आया है।
शेयर बाजार में भारी गिरावट
शेयर बाजार ने आज बुरी तरह से गोता लगाया है। बीएसई सेंसेक्स 800 अंकों की गिरावट के साथ 76,535 पर पहुंच गया है, जो 77,000 अंकों के स्तर से नीचे गिरा है। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी करीब 260 अंकों की गिरावट के साथ 23,172 पर लुढ़क गया। इस गिरावट के चलते निवेशकों के 4.22 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों पर असर
आज की गिरावट में मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। निफ्टी का मिडकैप इंडेक्स 900 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी का स्मॉलकैप इंडेक्स भी 250 अंकों की गिरावट देख रहा है। इसके अलावा, शेयर बाजार में हर सेक्टर में गिरावट देखने को मिल रही है, जैसे कि बैंकिंग, ऑटो, आईटी, मेटल्स, एफएमसीजी, फार्मा, हेल्थकेयर और एनर्जी सेक्टर।
रुपये में रिकॉर्ड गिरावट
सोमवार के कारोबारी सत्र में रुपया डॉलर के मुकाबले फिर से अपनी सबसे निचली स्थिति पर पहुंच गया है। पिछले क्लोजिंग 85.97 रुपये के मुकाबले आज रुपया 43 पैसे की कमजोरी के साथ 86.40 रुपये के स्तर पर जा गिरा। यह पहला मौका है जब रुपया डॉलर के मुकाबले इस स्तर तक गिरा है।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
रूस की तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रूस से कच्चे तेल का आयात कठिन हो सकता है, जिसके कारण भारत को अन्य देशों से महंगे दामों पर तेल आयात करना पड़ेगा। अमेरिका के फैसले के कारण कच्चे तेल की कीमतें चार महीने के उच्चतम स्तर 81.44 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं।
कब खत्म होगा ये संकट?
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण तक बाजार में अस्थिरता का माहौल जारी रह सकता है। इसके साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी की स्थिति बनी रह सकती है। निवेशक ट्रंप की नीति घोषणाओं का इंतजार कर रहे हैं, और इस दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है।