AIN NEWS 1: दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी (AAP) की डॉक्यूमेंट्री ‘Unbreakable’ की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी है। यह डॉक्यूमेंट्री AAP नेताओं के जेल जाने और संघर्ष पर आधारित है। इसे आज सुबह 11:30 बजे दिल्ली के विभिन्न थिएटरों में दिखाने की योजना थी।
AAP सूत्रों का दावा है कि बीजेपी के दबाव में दिल्ली पुलिस ने यह कदम उठाया है। उनका आरोप है कि थिएटर मालिकों को धमकाया गया ताकि वे इस डॉक्यूमेंट्री को न दिखाएं।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी, जो चुनाव नियमों का उल्लंघन है। पुलिस के अनुसार, चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों को किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए दिल्ली निर्वाचन अधिकारी (DEO) के कार्यालय से एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से अनुमति लेनी होती है।
दिल्ली पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा, “यह चुनाव प्रक्रिया के दौरान मानक प्रक्रिया का हिस्सा है। हम सभी पार्टियों से अनुरोध करते हैं कि वे नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करें।”
AAP का आरोप:
AAP ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस डॉक्यूमेंट्री को रोकने के लिए दबाव बनाया गया। उनके अनुसार, यह डॉक्यूमेंट्री पार्टी के नेताओं के संघर्ष और जेल जाने के दौरान उनके अनुभवों को दर्शाती है।
चुनाव का माहौल:
दिल्ली में चुनाव की घोषणा हो चुकी है और आचार संहिता लागू है। ऐसे में किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम या राजनीतिक गतिविधि के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है।
AAP का तर्क:
AAP ने कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री जनता को सच्चाई दिखाने का प्रयास है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी नहीं चाहती कि यह डॉक्यूमेंट्री लोगों तक पहुंचे क्योंकि यह उनके खिलाफ सच्चाई उजागर करती है।
यह मामला अब राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है। एक तरफ AAP इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बता रही है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस इसे नियमों का पालन न करने का मामला कह रही है।
English SEO Paragraph:
The Delhi Police has banned the screening of AAP’s documentary ‘Unbreakable,’ which showcases the struggles and imprisonment of AAP leaders. Scheduled for 11:30 AM in Delhi theaters, the screening was reportedly blocked under BJP’s influence, according to AAP sources. The police stated that no prior permission was taken for the event, violating election guidelines. With the Model Code of Conduct in place, all political events require approval from the DEO office through a single-window system. This controversy has sparked a political debate ahead of the elections.