Ainnews1.com नोएडा: श्रीकांत त्यागी मामला बीजेपी के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। जिस तरह से त्यागी समाज श्रीकांत त्यागी (shrikangt tyagi) के पक्ष में आकर महापंचायत और आंदोलन की धमकी दे रहा है वह पश्चिमी यूपी में बीजेपी के लिए चिंता का विषय बन गया है। यह मामला त्यागी बनाम ब्राह्मण का होता दिख रहा है। रविवार को गाजियाबाद के लोनी विधानसभा से भाजपा के विधायक नंद किशोर गुर्जर (nand kishor gurjar) ने अपर मुख्य सचिव गृह उत्तर प्रदेश को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ अधिकारी और स्थानीय बीजेपी नेता बीजेपी सांसद डॉ महेश शर्मा के विरोध की खातिर मामले को हवा दे रहे हैं। गुर्जर ने यहां तक कहा दिया कि ऐसा करके ये लोग देश में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा कर रहे हैं।अपने लेटर पैड पर लिखे इस पत्र में नंद किशोर गुर्जर ने कहा है, ‘गौतम बुद्ध जनपद में पिछले दिनों एक व्यक्ति द्वारा ओमेक्स सोसाइटी में एक महिला को अपमानित एवं वैश्य समाज के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया गया है जिसकी वीडियो एवं ऑडियो लगातार चैनलों में और सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। मामला संज्ञान में आने पर व्यक्ति एवं अन्य उनके समर्थन में पहुंचे लोगों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।’ इसमें सथानीय नेता और अधिकारी शामिल’
ख़त में आगे लिखा है, ‘माननीय मुख्यमंत्री जी ने स्वयं इस विषय को गंभीरता से लिया और इस प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही करने को कहा था । मगर कुछ स्थानीय नेता जनपद के ही एक बड़े अधिकारी के कहने पर जो स्थानीय सांसद डॉ महेश शर्मा के विरोध करने वाले हैं। उन्होंने साजिश के तहत जिला प्रशासन के लिए आंखों की किरकिरी बन चुके डॉ महेश शर्मा और भाजपा को निशाना बनाने लगे और ब्राह्मण समाज के लिए भी अभद्र टिप्पणी करने लगे।
गुर्जर ने नोएडा के बीजेपी प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा, कि अधिकारी व नेताओं के साथ मिलकर नोएडा के ही भाजपा प्रभारी ने मुख्यमंत्री जी के आदेश की खिल्ली उड़ाते हुए जेल गए व्यक्तियों एवं प्रकरण का खुलेआम पक्ष लिया। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से भाजपा अनुशासन के विपरीत जाकर साथ देने की बात कही और प्रकरण को तूल देकर जातीय भेदभाव को मजबूत करने का कार्य कर रहें हैं
लेटर के अंत में लिखा गया है उक्त प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाकर जांच करने की कृपा करें । जिससे भविष्य में संभावित अन्य जातिगत टकराव को टाला जा सके और गृहयुद्ध जैसी स्थिति को रोका जा सके।