Sunday, February 2, 2025

पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन: मियां मिट्ठू और उनकी धर्मांतरण फैक्ट्री?

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AIN NEWS 1: पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और अन्य गैर-मुस्लिम समुदायों के लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह घटनाएँ आमतौर पर सिंध प्रांत में होती हैं, और इसके पीछे कुख्यात मौलवी मियां मिट्ठू का हाथ होता है। हाल ही में एक चीनी महिला, जेसिका का जबरन धर्म परिवर्तन कर उसे मुसलमान बना दिया गया। मियां मिट्ठू की इस करतूत ने फिर से पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन के मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है।

जेसिका का धर्म परिवर्तन

चीन की रहने वाली 25 वर्षीय डॉ. मिस जेसिका को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के दहारकी स्थित भरचुंडी शरीफ दरगाह में इस्लाम कबूल कराया गया। मियां मिट्ठू ने उसे जबरन इस्लाम धर्म स्वीकार कराया और उसे कलमा पढ़वाया। धर्म परिवर्तन के बाद, जेसिका का नाम बदलकर सायरा खातून रख दिया गया। मियां मिट्ठू द्वारा उसे ‘25 नंबर का सर्टिफिकेट’ दिया गया, जिसका मतलब था कि वह अब तक धर्म परिवर्तन किए गए 25वें व्यक्ति के रूप में शामिल हुई। इस प्रकार, मियां मिट्ठू और उनके गिरोह के द्वारा अब तक कई लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है।

मियां मिट्ठू की धर्मांतरण फैक्ट्री

मियां मिट्ठू पाकिस्तान में एक धर्मांतरण फैक्ट्री चला रहे हैं, जहां हिंदू लड़कियों और अन्य गैर-मुस्लिमों को जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। वह कई बार यह स्वीकार कर चुके हैं कि उन्होंने हजारों लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया है। मियां मिट्ठू का नाम अक्सर पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं से जुड़ा रहता है।

पाकिस्तान में एक अन्य कुख्यात पीर, बाबा साई, भी धर्म परिवर्तन के इस कारोबार में शामिल है। बाबा साई पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुर बथोरो में स्थित सत्यानी शरीफ दरगाह का संचालन करते हैं, जो सामूहिक धर्म परिवर्तन का प्रमुख केंद्र बन चुकी है।

2019 से 2023 तक का आंकड़ा

पाकिस्तान में 2019 से 2023 के बीच जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में भारी वृद्धि हुई है। इन चार वर्षों में 1774 से ज्यादा हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया गया। ये घटनाएँ पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की कमी और मानवाधिकारों का उल्लंघन की ओर इशारा करती हैं।

मियां मिट्ठू का प्रभाव

मियां मिट्ठू के गिरोह का नेटवर्क पाकिस्तान में काफी मजबूत है। यह गिरोह हिंदू लड़कियों का अपहरण करता है और उन्हें इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए मजबूर करता है। मियां मिट्ठू का नाम एक बड़े विवाद के रूप में उभरता रहा है, और वह पाकिस्तान के धार्मिक दबाव में फंसे कई अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक खतरनाक शख्सियत बन चुका है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी

इन घटनाओं पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी भी सवाल उठाती है। पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन एक गंभीर चिंता का विषय है, और मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे लेकर लगातार आवाज उठाते रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तान सरकार इन घटनाओं के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने में नाकाम रही है, जिससे इन कृत्यों को बढ़ावा मिलता है।

पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ते जा रहे हैं, और मियां मिट्ठू जैसे कुख्यात मौलवी इन घटनाओं के केंद्र में हैं। चाहे वह एक चीनी महिला का धर्म परिवर्तन हो या फिर हिंदू लड़कियों का अपहरण, ये घटनाएँ पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की असुरक्षा और मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करती हैं। अब यह समय है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दे और पाकिस्तान सरकार से इस समस्या का समाधान करने की मांग करें।

In Pakistan, forced religious conversions are becoming increasingly common, especially involving non-Muslim minorities. A Chinese woman named Jessica was recently converted into Islam by Miyan Mithu, a notorious figure associated with such conversions. Jessica, who is 25 years old, was coerced into Islam at the Bharchundi Sharif shrine in Daharki, where Miyan Mithu forced her to take the Shahada (Islamic oath) and changed her name to Saira Khatoon. This incident is part of a larger pattern of religious conversions orchestrated by Miyan Mithu, who has been accused of forcibly converting hundreds of non-Muslims, particularly Hindus, in Pakistan.

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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